गुरुग्राम ! साइबर जालसाज़ी से बचने का सबसे बेहतर तरीका है, उसके बारे में जागरूक होना, लेकिन फिर भी अगर फ्रॉड हो जाये तो क्या किया जाना चाहिए ? इसका जवाब है नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930। अगर साइबर हेल्पलाइन पर समय रहते शिकायत की जाए तो आम आदमी की मेहनत की कमाई बचाई जा सकती है। इसी वादे पर स्टेट नोडल एजेंसी, साइबर के तौर पर कार्य कर रही स्टेट क्राइम ब्रांच खरी उतर रही है और सिर्फ 2 ही दिन में तुरंत कार्रवाई कर लाखों की साइबर ठगी को रोकने में सफलता हासिल की है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की सिर्फ पिछले 2 दिन में ही साइबर टीम ने सतर्कता कारण अलग अलग केस में आम जनता के करीबन साढ़े 26 लाख रूपए बचाये है। जालसाज़ बैंक और सोशल मिडिया द्वारा भरोसा कायम कर इन अपराधों को अंजाम दे रहे है जिनपर लगाम लगाने का काम साइबर हेल्पलाइन 1930 कर रही है।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की साइबर जालसाजों ने रोहतक के सेक्टर 1 के रहने वाले एक व्यवसायी के खाते में पैन कार्ड अपडेट कराने का झांसा देकर खाते से करीबन साढ़े 23 लाख रूपए के फ्रॉड किया है। शिकायत में बताया गया कि जालसाजों ने इसके लिए उनके पास बैंक के नाम से एक मैसेज भेजा था। मैसेज में बताया गया कि नीचे दिये गए एक लिंक को क्लिक करके पैन कार्ड को अपडेट करें ताकि आपका खाता बंद ना हो। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने संबंधित लिंक को क्लिक किया जिसके कुछ देर के बाद ही उनके फोन पर साढ़े 23 लाख रूपए कटने का मैसेज आया। साइबर थाना में मामला दर्ज कराने के दौरान पीड़ित को 1930 पर शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया जहाँ शिकायत करते हुए खाते को फ्रीज़ कर दिया गया। जिले के साइबर थाने ने बैंक में जाकर मामले की पड़ताल की तो जानकारी मिली की उक्त रकम को एक व्यवसायी के नाम से ऑनलाइन खाता बनाकर वहां ट्रांसफर कर दिया गया है। बैंक ने अनुसन्धान अधिकारी को जानकारी दी की इतनी बड़ी रकम को इस खाते से दूसरे खाते में भेजने के लिए ठगों को एक ओटीपी की आवश्यकता होती है, जिसके बारे में व्यवसायी को पहले ही समझा दिया गया था की किसी को अपने खाते से संबंधित किसी प्रकार की जानकारी नहीं देनी है। साइबर थाने की कार्रवाई पर अमल करते हुए बैंक द्वारा उपरोक्त रकम व्यवसायी के खाते में वापस भेज दी गयी। इस तरह से साइबर टीम की तुरंत कार्रवाई से एक बड़ी ठगी होने से बच गयी।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की सोनीपत निवासी महिला ने शिकायत दी कि फेसबुक पर उसकी दोस्ती एक विदेशी लड़की से हुई। कुछ समय बाद, विदेशी दोस्त ने मिलने आने का प्लान बनाया। पीड़िता ने बताया की उसके पास एक कॉल आयी जिसमें सामने वाले ने खुद को कस्टम अफसर बताया और कहा की आपकी दोस्त के पास काफी महंगे गिफ्ट है जिनके बदले आपको जीएसटी देना पड़ेगा वरना आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । पीड़िता ने जीएसटी देने के लिए ठगों की बातों में आकर 2.20 लाख रूपए दे दिए। ठगी के एहसास होने पर पीड़िता ने शिकायत 1930 दी, जिसपर तुरंत कार्रवाई करते हुए ठगों का खाता फ्रीज़ कर पीड़िता के 1.35 लाख तुरंत वापस कर दिए गए।
वहीँ एक अन्य केस में कैथल निवासी साहब सिंह के पास अंतरराष्ट्रीय नंबर से फ़ोन आया जिसमें ठग ने खुद को कनाडा में रहने वाले उसके भाई का वकील बताया। शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त ठग ने कहा की आपके भाई का पुलिस के साथ झगड़ा हो गया है और पुलिस उसे डिपोर्ट कर रही है और अगर उसे अपने भाई को बचाना है तो पैसे देने पड़ेंगे। बातों में आने के कारण उसने तुरंत 1 लाख रूपए दे दिए। मोडस ऑपरेंडी समझ आने पर तुरंत शिकायत नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दी है जिस पर कार्रवाई करते हुए तुरंत साइबर टीम ने 90 हज़ार बचाये।
इसके अलावा एक अन्य शिकायत में फरीदाबाद निवासी धर्मेंद्र ने गलती से 92 हज़ार अनजान व्यक्ति के खाते में भेज दिए। गलती के एहसास होने पर शिकायतकर्ता ने बताया की अनजान खाताधारक से सम्पर्क किया गया तो उसने पैसे देने से मना कर दिया। इस पर धर्मेंद्र सिंह द्वारा तुरंत शिकायत 1930 पर की गयी जिस पर कार्रवाई करते हुए साइबर टीम ने तुरंत 92 हज़ार रूपए फ्रीज़ कर वापस करवाए गए।
विदेशी लोगों से दोस्ती करते समय बरतें सावधानी, निजी जानकारी ना करें शेयर : ओ.पी. सिंह , आईपीएस
प्रदेश के साइबर नोडल अधिकारी ओ.पी. सिंह , आईपीएस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध ने बताया की किसी भी तरह के प्रलोभन में ना आएं। विदेशी लोगों से दोस्ती करने से पहले जांच पड़ताल ज़रूर करें। सोशल मिडिया पर आजकल जालसाज़ अपने शिकार ढूंढ रहे है और सतर्कता से ही हम इससे बच सकते है। यदि किसी रिश्तेदार की मदद के नाम पर कोई कॉल आये तो जल्दबाज़ी में फैसला ना लें। इसके अतिरिक्त, हरियाणा पुलिस , सभी जिलों में महीने के प्रथम बुधवार को साइबर जागरूकता दिवस मना रही है जिसमें साइबर राहगीरी से जनता को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी जिलों के साइबर नोडल अधिकारीयों के साथ समय समय पर मीटिंग की जा रही है ताकि साइबर जालसाज़ी की नई नई मोडस ऑपरेंडी से आम जनता को बचाया जा सके।