विकास के नाम पर विधानसभा को मिला है जुमलों व कोरी घोषणाओं का ठूल्लू

शिवचरण (शिवा)
पटौदी गुरुग्राम। जहां अपनी जमीन बचाने को किसान धरने पर हों, शिक्षा और स्कूल बचाने को गरीब लाचार हो, अपराधियों की धमकियों के आगे व्यापारी पस्त हो, प्रशासन की निरंकुशता व भ्रष्टाचार के आगे जनता बेबस हो, जहां तमाम समस्याएं व मुश्किलों के होते सरकार जनता को विकास के हवाई किले दिखाने में मस्त हो वो हरियाणा का पटौदी क्षेत्र है।' उक्त बातें महिला कांग्रेस नेत्री सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होनें बीजेपी सरकार पर और स्थानीय विधायक पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होनें अपनी अखबारी बयानबाजी से पटौदी में विकास कार्यों के नाम की एक ऐसी रंगीन जुमलों से सजी दिवार खड़ी कर दी है, जो सुनने में लगता है की जैसे क्षेत्र में कोई मसीहा जन्नत को धरती पर उतार लाया हो, जबकी यदि इस झूठ की चकाचौंध वाली दिवार के पीछे का काला सच देखा जाए तो इन्सान की रुह कांप जाती है। उन्होनें कहा की भोड़ाखुर्द के एक युवा की मौत के बाद भी उसका शव करीब 15 से 17 घन्टे तक पटौदी के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के इन्तजार में पड़ा हुआ सड़ता रहता है लेकिन डॉक्टर व प्रशासन का कहीं कोई अता-पता नही है। ऐसी हालत में मृतक के परिवार की बेबसी व पीड़ा का अहसास ही बदन में सिहरन पैदा कर देता है। ये व्यवस्था है विधायक के संवेदनहीन प्रशासन की और उसके अस्पतालों की, जहां शवों को सुरक्षित रखने के लिए बर्फ तक का इन्तजाम नही, पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर उपलब्ध नही।
महिला कांग्रेस नेत्री ने कहा की सत्ता से संरक्षण प्राप्त गांवों में राशन बांटने वाले डिपो होल्डर आजादी के अमृत महोत्सव का फायदा उठाते हुए गरीब जनता को सरकार की शह पर जबरदस्ती 25 रुपए का तिरंगा झन्डा थमाने को आमादा है, और उस गरीब की बेबसी देखिए की वो ये भी नही पुछ सकता की ये पैसा आखिर किसकी जेब में जा रहा है और राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री के नाम पर गरीबों की जेब पर डाका किसके इशारे पर डाला जा रहा है, और वो ये भी नही जान सकता की हर घर तिरंगा योजना आखिर किस मित्र को पूंजीपति बनाने की सरकारी योजना है। उन्होनें कहा की जरा सी बारिश ही यहां के कस्बे व रोड की बदतर हालत की पोल खोल देते हैं लेकिन सरकार है की वो यहां की जनता को इन जनहित के मुद्दों से ध्यान हटा कर उसे डीपी में तिरंगा लगाने का नया टास्क दे देती है।पूरी पटौदी विधानसभा में लगे गन्दगी के ढेर जिनकी सडांध में मुहं मारते पशु यहां के कमजोर नेतृत्व की बानगी दिखाते नजर तो आ ही जाते हैं साथ ही मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को भी पलिता लगा रहे हैं।
वर्मा ने कहा की दलितों व वंचित वर्गों का प्रतिनिधित्व कर रहे विधायक व उसकी सरकार की घोर असंवेदनशीलता के चलते सरकारी संरक्षण में अनुसूचित जाति पर यहां जमकर अत्याचार हो रहे हैं, और उनकी कहीं कोई सुनवाई तक नही। उन्होनें कहा की पटौदी से सौतेला व्यवहार कर रही खट्टर सरकार में यहां कमजोर नेतृत्व के चलते अपराध भी खुब पनप रहा है। यहां कत्ल, फिरौती, रेप व लुट की घटनाएं आम हैं। लेकिन विधायक जी केवल अखबारी बयानबाजी से अपनी छवि चमकाने में व्यस्त हैं।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि पटौदी व हलीमंडी नगरपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा नही है, किस तरीके से आकाओं ने अपने चहेतों को खुली लुट की छुट दे रखी है ये प्राप्त आरटीआई से क्षेत्रवासीयों के सब सामने आ चुकी हैं, लेकिन विधायक बापू के तीन बंदरों वाली अवस्था में रहने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। उन्होनें कहा की आज पटौदी में चहुंओर समस्याओं का अम्बार लगा है, चाहे वो शिक्षा क्षेत्र की बात हो, या चिकित्सा व टूटी गांव की गलियों, नालियों अथवा सडक के जानलेवा गहरे गड्डों की बात हो, हर तरफ क्षेत्र की बदहाली की ही तस्वीर नजर आयेगी। क्या ये सरकार अथवा इसके नुमाइंदे या यहां के जनप्रतिनिधि बताएँगें की क्षेत्र के इस दयनीय हालातों की जवाबदेही किसकी है ?
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