शिवचरण (शिवा) 
पाटौदी गुरुग्राम। हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ के बैनर तले पटौदी क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राजस्थान के जालौर में हुई इन्द्र कुमार मेघवाल की हत्या पर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और दोषी जातिवादी गुन्डो को फांसी की सजा की मांग करते हुए प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन पटौदी एसडीएम को सौंपा।
आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने राजस्थान सरकार से मांग की है कि दोषी अध्यापक को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
पटौदी के मिनी सचिवालय में पहुंचें सैंकडों प्रदर्शनकारी अध्यापकों व अन्य सामाजिक संगठनों के लोगों ने हजरस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर दिनेश निम्बड़ीया जी के नेतृत्व में एसडीएम के माध्यम से देश के राष्ट्रपति को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। 
प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर निम्बड़ीया ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में एक अध्यापक के मटके से पानी पीने पर एक दलित छात्र की मौत के बाद यह बात साबित होती है कि आज भी देश में जातिवाद और छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयां पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई हैं। आज भी समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जो जातिवाद को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं। हजरस के गुरुग्राम जिला अध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने भी लोगों को सम्बोधित करते हुए उक्त घटना की निन्दा करते हुए कहा कि छात्र इंदर मेघवाल की मौत के बाद पूरा देश गुस्से में है। लोग घिनौने अपराध को अंजाम देने वाले अध्यापक को मृत्युदंड की सजा देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज छात्र इंद्र के परिवार के साथ खड़ा है और उनको 50 लाख की आर्थिक मदद देने और परिवार के एक सद्स्य को नौकरी देने की मांग कर रहा है।
इस मौके पर पटौदी के खण्ड शिक्षा अधिकारी डॉक्टर धर्मपाल सिंह, अम्बेडकर सभा हेलीमण्डी के अध्यक्ष रामनिवास रेवाडिया, पटौदी खण्ड की हजरस कार्यकारिणी के प्रधान सतीश कुमार, सचिव मास्टर सत्यवीर हसनपुरिया व अमित मेहरा ने भी प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया। उन्होनें अपने सम्बोधनों में कहा कि ये घटना जातीय दुराग्रह की पराकाष्ठा है। वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ तो देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, जबकी सच ये है कि आज आजादी के 75 साल बाद भी दलित शोषित पिछड़े वर्गों को पानी पीने तक की आजादी नहीं मिल पाई है।
प्रदर्शनकारी जय भीम व जातिवादी गुन्डो को फांसी दो - फांसी दो तथा इन्द्र कुमार मेघवाल को न्याय दो - न्याय दो के जोरदार नारे लगाते हुए सचिवालय पहुंच कर ज्ञापन दिया। 
इस मौके पर किरणबाला, अनिता, हेमलता,संगीता, राजबाला, डॉक्टर बलराज, बाबुलाल, कर्मवीर, संतकुमार, कैलाश, संजय, विजय, महाबीर, जिलेसिंह व मांगेराम सहित सैंकडों लोग मौजुद रहे।
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