राजनीतिक पार्टियां कहती बिजली-पानी फ्री देंगे, इसकी बजाय सही दाम चाहिए
किसान-सरकार का संवाद कभी नहीं रूकना चाहिए औैर राजनीति को अलग रखें
किसान को गांव तक अच्छी सड़कें और 12 घंटे बिना अवरोध के बिजली चाहिए
शिवचरण ( शिवा )
गुरूग्राम। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि कोरोना काल में हर वर्ग को नुकसान हुआ, लेकिन कृषि इकलौता ऐसा सेक्टर है जहाँ उत्पादन पहले से ज्यादा हुआ। किसान और सरकार का संवाद कभी नहीं रूकना चाहिए लेकिन राजनीति से को भी इससे अलग रखना चाहिए। मैंने खुद एक देश एक मार्केट के लिए आंदोलन किया। किसान को गांव तक सड़क और 12 घंटे बिना अवरोध के बिजली चाहिए। आजकल राजनीतिक पार्टियां कहती है हम बिजली फ्री देंगे, पानी देंगे । ऐसा नहीं होता बल्कि इसकी बजाय सही दाम पर आपूर्ति चाहिए। यह बात उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने हरियाणा की आर्थिक राजधानी गुुरूग्राम में दीनबंधु सर छोटू राम के जीवन, कार्यों व सिद्धांतों पर आधारित ‘सर छोटू रामः राइटिंग्स एंड स्पीचेज’ के पांच खंडों का विमोचन करते हुुए कही।
उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के लिए मुझे काफी दिन से इंतजार था, लेकिन कोविड और लॅाकडाउन की वजह से थोड़ा लेट आज ये विमोचन हो रहा है। सब कार्यक्रम आजकल वर्चुअल होते हैं, लेकिन इस कार्यक्रम को मैं हरियाणा की धरती से करना चाहता था। हमें सबसे पहले अपनी मातृभाषा और उसके बाद हमारी भारतीय भाषा को सीखना चाहिए। अंग्रेजी या दूसरी भाषा को भी सीखना चाहिए लेकिन हिंदी सबको सीखनी चाहिए। देश के प्रधानमंत्री से लेकर हमारे मौजूदा चीफ जस्टिस ने भी अपनी मातृभाषा को पहचान दी है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि चौधरी छोटूराम जमीन से जुड़कर नए विचारों वाले आदमी थे। उन्होंने धर्म के आधार पर देश के बंटवारे का विरोध किया । सरदार पटेल जी ने कहा था कि अगर आज छोटूराम जिंदा होते तो मुझे पंजाब को लेकर कोई चिंता होती। चौधरी छोटूराम ने भविष्य के कृषि सुधारों की नींव रखी। नई तकनीक कृषि में लाने के लिए उन्होंने शोध स्थल बनवाए। खुद किसान रहते हुए जो समस्या देखी वो ही उनके समाधान की बात कर सकता है। कृषि हमारी संस्कृति हैं और कृषि पिछड़ती है तो हमारी संस्कृति भी पिछड़ती है। पूरी दुनिया और बाजार अब सभी के लिए खुल चुके है, इसीलिए हमें किसानों के उत्थान के लिए नए विचारों और नए कदमों के लिए तैयार रहना चाहिए। किसानों के उत्थान के लिए ओपन मार्केट और इलेक्टोनिक मार्केट भी जरूरी हैै। ताकि किसानों को सही दाम उसकी फसल का मिल सके।
हमें जाति और वर्गों से ऊपर उठकर राजनीति करनी होगी। सर छोटूराम जी भाषण देने से पहले पढ़ते थे फिर बोलते थे। देश के सब बच्चों को चौधरी छोटूराम के विचारों को पढ़ना चाहिए। हमारी नई पीढ़ी का हमारे पूर्वजों से परिचय कराना बहुत जरूर है। अंग्रेजों की कोलोनियल सोच से बाहर आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में एक परंपरा थी कि जब भी कागज रखना होता तो कहना पढ़ता था, एफफडी सर आई वांट टू बैग। लेकिन हमने उसको बदलकर कहा कि अब ये कहा जाए, अध्यक्ष महोदय आपकी इजाजत से मैं ये कागज प्रस्तुत कर रहा हूँ। उपराष्ट्रपति ने सीएम मनोहर लाल खट्टर कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रशंसा भी की और सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंनेकहा कि हरियाणा इतिहास एवं संस्कृति अकादमी को बधाई और सीएम मनोहर लाल को भी बहुत बहुत बधाई कि ‘सर छोटू रामः राइटिंग्स एंड स्पीचेज’ के पांच खंडों का ये साहित्य अब जनता के बीच जा रहा है।