दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले में भारतीय अधिक जागरूक

कोविड-19 वैक्सीन के लिए दुनिया की नजरें भारत पर टिकी

फतह सिंह उजाला
पटौदी । सांसद एवं केंद्र में मोदी मंत्रिमंडल में वजीर राव इंद्रजीत सिंह के द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की डोज ली गई । इस मौके पर राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कोरोना की विश्वव्यापी महामारी को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों के द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए दुनिया भर में पहल करते हुए एक नहीं दो दो वैक्सीन तैयार की गई । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत में बनाई गई वैक्सीन डब्ल्यूएचओ के द्वारा मान्य होने के साथ ही सबसे अधिक विश्वसनीय भी हैं ।

उन्होंने कहा की बीता 1 वर्ष कोरोना महामारी को लेकर किसी के लिए भी अच्छे अनुभव वाला नहीं रहा है। ऐसे में जब वैक्सीन आ चुकी है , तो कोविड-19 की चेन को तोड़ने के लिए प्रत्येक भारतीय को सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक वैक्सीन की डोज अवश्य लेनी चाहिए । कोविड-19 चेन को तोड़ने का यही सबसे ठोस और सटीक उपाय हमारे सामने है । लेकिन फिर भी कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क अवश्य पहने, सोशल डिस्टेंस का पालन करें और समय-समय पर अपने हाथों को साफ करते रहें ।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा की दुनिया की नजरें आज भारत के द्वारा तैयार की गई कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन पर टिकी हुई है । दुनिया के अधिकांश देश भारत में बनाई गई कोवीशील्ड और कोवैक्सीन की डिमांड भी कर रहे हैं । लेकिन पीएम मोदी की पहली प्राथमिकता देशवासियों को कोविड-19 से बचाने के साथ-साथ इस की चेन को तोड़ने के लिए है । यही कारण है कि अब सरकार और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोविड-19 वैक्सिनेशन के स्पेशल ड्राइव अभियान भी आरंभ कर दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में कमी बेशक कमी आ रही हो , लेकिन थोड़ी सी भी लापरवाही अभी तक की मेहनत पर पानी भी फेर सकती है । कोविड-19 महामारी को बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेना चाहिए ।

उन्होंने प्रत्येक नागरिक से आह्वान किया है कि कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की डोज अवश्य ले। इसका सबसे सकारात्मक परिणाम यह रहेगा कि हमें हमें कोविड-19 की चेन को तोड़ने में सफलता प्राप्त होगी । राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सिंन का किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं है । यह पूरी तरह से सुरक्षित है , वैक्सिंग बनाए जाने के बाद विभिन्न स्तर पर इसके परिणामों का कई स्तर पर और विभिन्न प्रकार से ट्रायल भी किया गया है । उन्होंने विशेष रूप से 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और शुगर , टीबी या अन्य गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों का भी आह्वान किया है कि वह कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीन की डोज लेने में प्राथमिकता प्रदान करें।

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