हेलीमंडी अनाज मंडी में तीन दिवसीय रागनी कंपटीशन

मंगलवार को विभिन्न गांवो से 20 लाख का मिला दान

फरुखनगर गौशाला कमेटी द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम  

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 रागिनी और सांग यह हरियाणा की प्राचीन पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम की एक ऐसी संरचना है जिसके प्रति आज भी ग्रामीणों में असीम लगाव देखा जा रहा है । यही कारण है कि जब भी कोई बड़ा आयोजन , खासतौर से बड़ी गौशालाओं के लिए आर्थिक सहयोग जुटाने के लिए सांग या फिर रागनी कंपटीशन ही करवाया जाता है । ऐसे हरियाणवी सांस्कृतिक आयोजन के अनेक लाभ देखने को मिलते हैं। हरियाणवी भाषा में लिखी गई रागनी और संांग के माध्यम से हरियाणा की  संस्कृति ही नहीं धार्मिक परंपराओं का भी प्रचार प्रसार किया जाता है ।

हेली मंडी अनाज मंडी में फर्रुखनगर गौशाला प्रबंधन समिति के द्वारा रागनी कंपटीशन का आयोजन करवाया जा रहा है । फरुखनगर गौशाला प्रबंधन कमेटी के प्रधान विक्रम ठेकेदार ने कहा ऐसे आयोजन का मुख्य उद्देश्य हरियाणा की संस्कृति और हरियाणवी भाषा का प्रचार प्रसार किया जाना तो है ही, लेकिन इसके पीछे मुख्य उद्देश्य गौ संरक्षण और संवर्धन ही होता है। आज भी विशेष रूप से ग्रामीण अंचल में गाय के प्रति बेहद श्रद्धा भाव बना हुआ है । इसके एक नहीं अनेक कारण हैं , हेली मंडी अनाज मंडी में करवाए जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्रीपाल चैहान , रामअवतार शर्मा, राज डूमा , सीताराम, भारत सिंह, जगदीश नंबरदार,नाहर सिंह सहित अन्य के द्वारा सक्रिय योगदान दिया जा रहा है ।

मंगलवार को जो रागिनी सबसे अधिक पसंद की गई वह थी किसान परिवार के दो बेटों को लेकर कि एक बेटा खेत खलिहान में किसानी कर रहा है तो दूसरा बेटा देश की सीमा पर देश की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाने को तैयार बैठा है।  भावार्थ यह रहा कि भारत की पहचान जय जवान-जय किसान और खेत खलिहान ही है । मंगलवार को हेली मंडी ,जाटोली ,खंडेवला, वसुंडा , लोहारी , मिर्जापुर नरहेड़ा अन्य गांवों के ग्रामीणों के द्वारा फर्रुखनगर गौशाला के हितार्थ करीब 20 लाख रुपए का दान गौशाला प्रबंधन कमेटी को प्रदान किया गया । सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकार मनोज करना और दीपा ने देश भक्ति, धार्मिक और गौ संरक्षण के लिए रागिनी के माध्यम से मनोरंजन करने के साथ-साथ आम जनमानस को गौशाला में आर्थिक सहयोग के लिए प्रेरित भी किया।

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