पटौदी के एसडीएम को केंद्रीय कानूनमंत्री के नाम ज्ञापन

आज तक किसी भी सरकार ने नहीं दिया इस औैर ध्यान

फतह सिंह उजाला
पटौदी।
 पटौदी बार एसोसिएशन अधिवक्ता परिषद के द्वारा पटौदी के एसडीएम को एडवोकेट्स फैमिली के लिए हेल्थ इंश्योरेंस के लिए केंद्रीय कानून मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया । इस मौके पर पटौदी बार एसोसिएशन के प्रधान विशाल सिंह चैहान, पटौदी बार एसोसिएशन के प्रवक्ता एडवोकेट सुधीर मुदगिल, एडवोकेट आरपी सैनी, एडवोकेट नाहर सिंह, एडवोकेट पवन जांगड़ा, एडवोकेट दिनेश कुमार, एडवोकेट नवल यादव सहित अन्य एडवोकेट भी मौजूद रहे।

पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पटौदी बार एसोसिएशन और अधिवक्ता परिषद के द्वारा सभी एडवोकेट के फैमिलीज के लिए स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था करने की पुरजोर मांग सहित अनुरोध किया गया है।  

पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार को ज्ञापन सौंपने के बाद पटौदी बार एसोसिएशन के प्रधान विशाल चैहान एवं साथी एडवोकेट ने बताया कि अभी तक किसी भी सरकार ने एडवोकेट्स और उनके परिवारों के सदस्यों का सामूहिक स्वास्थ्य बीमा करवाने की तरफ ध्यान ही नहीं दिया है । एडवोकेट भी इसी देश के नागरिक है और यह जरूरी नहीं कि सभी एडवोकेट की माली हालत अच्छी हो। अनेक एडवोकेट ऐसे हैं जोकि अपने अथवा परिवार में किसी भी सदस्य के गंभीर रोग से पीड़ित होने पर खर्च उठाने में भी पूरी तरह से समर्थ नहीं है । इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री को सौंपे ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र सरकार अपने स्तर पर सभी एडवोकेट के लिए स्वास्थ्य बीमा सुविधा प्रारंभ कर उपलब्ध करवाएं । जिससे कि सभी एडवोकेट और उनके परिजन कोरोना महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण किया जाने के उपरांत भविष्य में अपने परिवारों के स्वास्थ्य को लेकर अधिक सुरक्षित महसूस कर सकें ।

पटौदी बार के प्रवक्ता एडवोकेट सुधीर मुदगिल ने कहा कि सभी एडवोकेट कानून के रक्षक हैं और यथासंभव कमजोर वर्ग, मजदूर, शोषित, पीड़ित को भी निशुल्क इंसाफ दिलवाने के लिए पैरवी भी करके जनहित के काम में अपना सहयोग देते रहे हैं । एडवोकेट के द्वारा शासन-प्रशासन और समाज में दिए जा रहे सहयोग को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को सभी एडवोकेट और उनके परिजनों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। इसके साथ ही ज्ञापन सौंपने वाले एडवोकेट का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी चाहे तो एडवोकेट को इस प्रकार की स्वास्थ्य बीमा सुविधा उपलब्ध करवाने में सक्षम है और करवा भी सकती है । एडवोकेट की इस मांग की तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार को सहानुभूति पूर्वक गंभीरता से विचार करना चाहिए। 

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