मनीषबलवान सिंह जांगड़ा
हिसार: कोरोना संकट में एक तरफ़ बेरोजगारी और महंगाई ने आम आदमी और अर्थव्यवस्था की जहां कमर तोड़ दी है ऐसे में जब सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार का दंश झेलना पड़ता है तो ये जले पर नमक छिड़ने जैसा होता है। इसी प्रकार का मामला हिसार के खाद्य एवं पूर्ति विभाग में सामने आया है जिसमे अफ़सर खुद ही सेलेक्शन बोर्ड समझ बैठे हैं। जिले के खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक हैं अशोक शर्मा। मामला हिसार जिला  के किनाला गाँव का है । बीते दिनों हरियाणा कर्मचारी आयोग ने क्लर्क का अंतिम परिणाम जारी किया था, किनाला के सरकारी डिपो होल्डर का चयन भी इसी लिस्ट में हुआ था। चयन होने के बाद डिपो होल्डर ने डिपो होल्डर के पद से रिजाइन कर दिया था। अब विभाग को एक नए डिपो होल्डर की जरूरत है ।
खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक अशोक शर्मा और उनके अधीन कर्मचारी निर्दोष बिना मुनियादी करवाये अपने चहेतों की अंदर खाते राशन डिपो आवंटन की आवेदन फाइल जमा करवा रहे हैं। 

आवेदनकर्ता को किया गुमराह।

आवेदन की जानकारी मिलने पर किनाला गाँव के ही एक युवा संदीप शास्त्री भी 17 सितंबर 2020 को फाइल ले कर विभाग के ऑफिस में पहुँचे। DFSC(District Food And Supply Controller) कार्यालय में  उन्हें विभाग के एक कर्मचारी निर्दोष पूनियां मिलें, निर्दोष ने बताया कि DFSC साहब आज बिजी है, आप 21 सितंबर सोमवार को सुबह आ जाना आपकी फाइल जमा हो जाएगी। 

आवदेनकर्ता संदीप शास्त्री 21 सितंबर, सोमवार को सुबह DFSC कार्यालय में आवेदन फाइल जमा करवाने पहुचे तो DFSC अशोक शर्मा ने कहा कि आवेदन की अंतिम तारीख 18 सितंबर थी अब आवेदन किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

मामला डीसी ऑफिस से सीएम विंडो तक जाएगा।

संदीप शास्त्री ने आरोप लगाया कि DFSC और कर्मचारी निर्दोष पुनिया राशन डिपो आवंटन में गड़बड़ कर रहे है, वो चाहते है कि किसी चहेते को राशन डिपो आवंटित कर के माल पर हाथ साफ किया जाए। संदीप शास्त्री ने बताया कि उन्होंने DFSC और निर्दोष पुनिया की शिकायत उपायुक्त महोदया हिसार, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और सीएम विंडो में दर्ज करवा दी है। उन्होंने आगे कहा मैं इस मामले की गहनता से जांच चाहता हूं और आम लोगों को गुमराह करके उनके अधिकारों का हनन करने वाले DFSC अशोक शर्मा और विभाग के कर्मचारी निर्दोष के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाई की मांग करता हूँ।
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