सम्बंधित जांच रिपोर्ट पहुंची गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त के पास
मामला रिहायशी क्षेत्र वार्ड 7 और 8 में कूड़ा डंपिंग करने का
रिपोर्ट में वार्ड 7-8 तरुण त्रिवेणी परिसर ठहराया गया अनुचित
फतह सिंह उजाला
पटौदी । एक तरफ हेलीमंडी नगर पालिका प्रशासन आम लोगों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियम कायदे कानून का पाठ पढ़ा रहा है । लेकिन पालिका प्रशासन स्वयं कितना अमल कर रहा है अथवा गंभीर है ,इस मामले का पटाक्षेप पटौदी के एसडीएम की जांच रिपोर्ट में खोल के रख दिया गया है । पटौदी के एसडीएम के द्वारा हेली मंडी नगरपालिका के वार्ड नंबर 7 और 8 रिहायशी क्षेत्र में शहर का कूड़ा डालने अथवा डंपिंग यार्ड बनाने के मामले की जांच रिपोर्ट गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त के पास आगामी आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की जा चुकी है । अब इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की हेलीमंडी नगर पालिका के अंदर अधिकारियों और कथित उच्च राजनीतिक संरक्षण प्राप्त जनप्रतिनिधियों की आपसी मिलीभगत का भी आने वाले समय में पटाक्षेप हो जाएगा । इस बात से इंकार भी नहीं की इस पूरे खेल में कथित बदनामी का सेक बड़े राजनेताओं तक भी पहुंच सकता है ।
मामला हेलीमंडी नगर पालिका के वार्ड नंबर 7 और 8 का हैं , जहां पर करीब दो दशक से पहले तरुण त्रिवेणी वन क्षेत्र घोषित कर इस क्षेत्र को वन रजक अर्थात पौधारोपण के लिए आरक्षित किया जा चुका है। लेकिन समय बीतने के साथ तरुण त्रिवेणी परिसर में हरियाली तो दम तोड़ दी गई और बीते कई वर्षों से यहां शहर का कूड़ा करकट डंपिंग करने की जिद पकड़ कर काम आरंभ कर दिया गया । इतना ही नहीं पालिका हाउस में प्रस्ताव भी पास कर यहां पर लाखों रुपए के प्रोजेक्ट को भी अमलीजामा पहना दिया गया है ।
इस पूरे प्रकरण में मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज जो कि पटौदी के एसडीएम के द्वारा मौका मुआयना पर की गई जांच के संदर्भ में हैं, में साफ-साफ कहा गया है कि तरुण त्रिवेणी साइट वार्ड नंबर 7 और 8 रिहायशी क्षेत्र में कूड़ा करकट डालने के संदर्भ में हेली मंडी पालिका सचिव, कनिष्ठ अभियंता के साथ एमआरएफ सेंटर अथवा डंपिंग यार्ड के लिए तरुण त्रिवेणी मिर्जापुर रोड हेली मंडी की जमीन के अलावा पहले से प्रस्तावित फरीदपुर रोड और मेहसाणा रोड पर स्थित एसटीपी प्लांट की भूमिका मौका मुआयना किया गया। नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह को पत्र क्रमांक 437 एमसी के माध्यम से अवगत कराया गया है कि जिस स्थान पर मौजूदा समय में तरुण त्रिवेणी मिर्जापुर रोड भूमि पर कूड़ा करकट डाला जा रहा है, वह विभिन्न तकनीकी कारणों को ध्यान में रखते हुए पूरी तरह से अनुचित है । जांच रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा गया है कि वार्ड नंबर 7 और 8 तरुण त्रिवेणी परिसर लगभग 7 एकड़ क्षेत्रफल में है, यहां पर दो तरफ सड़क मार्ग हैं । सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह स्थान रिहायशी क्षेत्र और हेली मंडी पालिका शहर के बीचो बीच में स्थित है । रिपोर्ट में विशेष तौर से इस तरफ भी ध्यान दिलाया गया है कि भविष्य में बढ़ती जनसंख्या घनत्व और शहरीकरण के कारण यहां डाले जाने वाले कूड़े से पैदा होने वाली दुर्गंध के कारण आम जनता में असंतोष के साथ-साथ जन उपद्रव होने की प्रबल संभावना भी है । इस स्थान की ओपन मार्केट वैल्यू अमूल्य है ।
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की बहु उपयोगी और बेहद कीमती जगह हेलीमंडी नगर पालिका क्षेत्र में कहीं और भी नहीं है । भविष्य में अन्य किसी भी प्रकार की जन उपयोगी परियोजना के लिए यह साइट बहुत ही कीमती और उपयुक्त रहेगी । एसडीएम की जांच रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा गया है कि तरुण त्रिवेणी मिर्जापुर रोड वार्ड नंबर 7 और 8 के विपरीत पहले से निर्धारित फरीदपुर रोड और मेहसाना रोड पर स्थित एसटीपी प्लांट जाटोली क्षेत्र की भूमि कूड़ा करकट डालने के लिए उपयुक्त व सही है । इसमें में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई है कि यह स्थान रिहायशी क्षेत्र आबादी और शहर से बाहर है । नगर पालिका प्रशासन का कूड़ा पहले भी यहां पर डाला जाता था और इस संबंधित जगह का क्षेत्रफल लगभग ढाई एकड़ बताया गया है । ऐसे में इस स्थान पर कूड़ा करकट डालने और उसके निष्पादन किया जाने में किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने की संभावना बिल्कुल भी नहीं है ।
इसी जांच रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण बात का खुलासा किया गया है कि फरीदपुर और मेहचाणा रोड पर स्थित एसटीपी प्लांट की भूमि और तरुण त्रिवेणी मिर्जापुर रोड वाली जमीन पर एमआरएफ सेंटर और डंपिंग यार्ड बनाने में भेदभाव बरता जाने की प्रबल संभावना दिखाई दे रही है । यह जो बात है यह अपने आप में हेलीमंडी नगर पालिका के अधिकारियों और पालिका चेयरमैन को कथित रूप से पूरी तरह कटघरे में खड़ा करने के लिए पर्याप्त है । इस खास रिपोर्ट में नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह से कहा गया है कि तरुण त्रिवेणी वार्ड नंबर 7-8 मिर्जापुर रोड की जमीन के स्थान पर और पहले से पहचान की गई फरीदपुर रोड और मेहचाणा रोड पर स्थित एसटीपी प्लांट की जमीन पर एमआरएफ सेंटर के साथ-साथ डंपिंग यार्ड बनाया जाना ही उचित रहेगा ।
अब इस रिपोर्ट से जो बात साफ निकल कर कर आ रही है, वह सीधे-सीधे इशारा और चुगली कर रही है कि कथित रूप से हेलीमंडी नगर पालिका में सारी संवैधानिक व्यवस्था पर किस प्रकार से कथित कुंडली मारकर चुने हुए जनप्रतिनिधि, पार्षदों की अनदेखी करते हुए मनमानी का खेल खेला जा रहा है । अब जांच रिपोर्ट के बाद पूरी तरह से मामला नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह के पाले में जा चुका है और आम लोगों की नजरें इस बात पर टिकी हैं। कि आने वाले समय में नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह अपने कानूनी अधिकारों का जनहित में आम जनमानस को स्वस्थ, स्वच्छ, स्वास्थ्य वर्धक माहौल प्रदान करने के लिए किस प्रकार के दिशा निर्देश जारी कर कार्यवाही को अमल में लाते हैं ।
कई बार हो चुका है विवाद
तरुण त्रिवेणी साइट वार्ड नंबर 7-8 में कूड़ा करकट डाला कर डालने सहित यहां पर डंपिंग यार्ड बनाया जाने को लेकर नियमित अंतराल पर स्थानीय नागरिकों और पालिका प्रशासन के बीच में विवाद हो चुका है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी स्थानीय निवासियों विशेष रुप से इस स्थान से सटी हुई दलित बस्ती के निवासियों के द्वारा विरोध किया गया । लेकिन हर बार हेली मंडी पालिका चेयरमैन सुरेश यादव के द्वारा व्यक्तिगत रूप से दखल देते हुए इसी स्थान पर सारे हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र का कूड़ा करकट डंपिंग करवाने का काम जारी रखा गया । बहरहाल अब एसडीएम की रिपोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिखाया है ।
एमएलए भी रहे हैं ना खुश
जब से पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के संज्ञान में तरुण त्रिवेणी वन क्षेत्र के साथ-साथ दलित बस्ती और रिहायशी इलाके के बीच कूड़ा करकट डालने के साथ-साथ डंपिंग यार्ड और यहां पर एमआरएफ सेंटर बनाने की शिकायत लोगों के द्वारा की गई, तो वह भी सभी तकनीकी और कानूनी पहलुओं के साथ-साथ नागरिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए कथित रूप से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं । इतना ही नहीं तीन जुलाई को मार्केट कमेटी में खुले दरबार में भी एमएलए एडवोकेट जरावता ने पालिका प्रशासन को निर्देश दिए थे कि पालिका क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था की जाए और जब तक एमआरएफ सेंटर के लिए स्थाई साइट फाइनल नहीं हो जाती संबंधित स्थान पर कूड़ा करकट नहीं डाला जाना चाहिए।
तरुण त्रिवेणी साइट वार्ड नंबर 7-8 में कूड़ा करकट डाला कर डालने सहित यहां पर डंपिंग यार्ड बनाया जाने को लेकर नियमित अंतराल पर स्थानीय नागरिकों और पालिका प्रशासन के बीच में विवाद हो चुका है। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी स्थानीय निवासियों विशेष रुप से इस स्थान से सटी हुई दलित बस्ती के निवासियों के द्वारा विरोध किया गया । लेकिन हर बार हेली मंडी पालिका चेयरमैन सुरेश यादव के द्वारा व्यक्तिगत रूप से दखल देते हुए इसी स्थान पर सारे हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र का कूड़ा करकट डंपिंग करवाने का काम जारी रखा गया । बहरहाल अब एसडीएम की रिपोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिखाया है ।
एमएलए भी रहे हैं ना खुश
जब से पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता के संज्ञान में तरुण त्रिवेणी वन क्षेत्र के साथ-साथ दलित बस्ती और रिहायशी इलाके के बीच कूड़ा करकट डालने के साथ-साथ डंपिंग यार्ड और यहां पर एमआरएफ सेंटर बनाने की शिकायत लोगों के द्वारा की गई, तो वह भी सभी तकनीकी और कानूनी पहलुओं के साथ-साथ नागरिक अधिकारों को ध्यान में रखते हुए कथित रूप से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं । इतना ही नहीं तीन जुलाई को मार्केट कमेटी में खुले दरबार में भी एमएलए एडवोकेट जरावता ने पालिका प्रशासन को निर्देश दिए थे कि पालिका क्षेत्र के अलग-अलग स्थानों पर कूड़ा डंपिंग की व्यवस्था की जाए और जब तक एमआरएफ सेंटर के लिए स्थाई साइट फाइनल नहीं हो जाती संबंधित स्थान पर कूड़ा करकट नहीं डाला जाना चाहिए।