सम्मान में प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह व धन्यवाद पत्र दिया गया  

लायंस ब्लड बैंक की ओर से दिया गया सम्मान

फतह सिंह उजाला  
गुरुग्राम। डेरा सच्चा सौदा सरसा की गुरुग्राम शाखा (शाह सतनाम जी ग्रीन एस. वेल्फेयर फोर्स विंग) की ओर से डब्ल्यू प्रतीक्षा अस्पताल सेक्टर-56 साउथ सिटी-2 में लगाए गए रक्तदान शिविर में 151 यूनिट रक्त दान किए जाने पर लायंस ब्लड बैंक की ओर से बुधवार को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह व धन्यवाद पत्र दिया गया।
 
बता दें कि बीती 23 अगस्त को यह शिविर लगाया गया था। इस शिविर का शुभारंभ लायंस ब्लड बैंक की हेड स्वाति गोयल व लायंस क्लब गुडग़ांव सिटी के सदस्य विकास ढाका ने किया था। शिविर में संगत ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और 191 महिलाएं एवं पुरुष रक्तदान करने पहुंचे। जिनमें से 151 का रक्त लिया जा सका। डेरा सच्चा सौदा का रक्तदान शिविर लगाने पर लायंस ब्लड बैंक की ओर से बुधवार को गुरुग्राम के भंगीदास श्याम सुंदर इंसा, 15 मेंबर जिम्मेदार राजेंद्र सिरोही, 15 मेंबर सुधीर इंसा, ब्लड समिति गुरुग्राम के जिम्मेदार विनोद कुमार इंसा को यह सम्मान दिया गया। सम्मान करते हुए स्वाति गोयल ने कहा कि मानवता की सच्ची सेवा यही है। धन्य है डेरा के सेवादार, जो कि खून दान के लिए इतने सक्रिय, आतुर रहते हैं, वह भी पूरे अनुशासन के साथ। इस तरह का सेवा का जज्बा हर किसी में नहीं हो सकता। खून देने के लिए होड़ यहां लगती दिखाई दी। इस मौके पर ब्लड बैंक की ओर से प्राची ने भी धन्यवाद किया।  
गुरूजी ने जो रास्ता दिखाया
सम्मान मिलने पर भंगीदास श्याम सुंदर इंसा ने कहा कि संगत को गुरूजी ने हमेशा सच के रास्ते पर चलते हुए मानवता की सेवा, भलाई का ही पाठ पढ़ाया है। उन्हीं की सीख से आज पूरी साध-संगत सेवा में लगी है।

भविष्य में भी ऐसे शिविर लगाने को  तैयार 
राजेंद्र सिरोही ने लायंस ब्लड बैंक का धन्यवाद करते हुए कहा कि डेरा सच्चा सौदा के सेवादार भविष्य में रक्तदान के लिए हमेशा तैयार रहेंगे। मानवता की सेवा के लिए सेवादारों द्वारा नियमित तौर पर रक्तदान किया जाता है। विनोद कुमार इंसा व सुधीर इंसा ने बताया कि रक्तदान शिविर लगाने के अलावा अस्पतालों में उपचाराधीन मरीजों के उपचार, ऑपरेशन के लिए सीधे मरीजों को भी सेवादार रक्तदान करते रहते हैं। इसके लिए सेवादारों ने ब्लड डोनेशन के सोशल मीडिया पर गु्रप बना रखे हैं। गु्रप में ब्लड की डिमांड आते ही संबंधित मरीजों के तिमारदारों से संपर्क करके सेवादार रक्तदान करने पहुंच जाते हैं।

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