कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनजीत सिंह विरदी ने किया प्रेरित।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
ध्वनि की गति से तेज़ दौड़ने वाले सुपरसोनिक लड़ाकू विमान को देखना ही रोमांच से भरा है लेकिन उसे उड़ाने की क़ाबिलियत रखने के लिए कई पड़ावों से होकर गुजरना पड़ता है। हिसार के गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी में एमसीए के छात्र इस्लाम ने एयरफोर्स के एफ़कैट(एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट) फ्लाइंग ब्रांच के टेस्ट को क्लियर कर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। बचपन से पायलट बनने का सपना देखने वाले इस्लाम सपने को हकीकत में तब्दील करने जा रहे हैं। 

पिता एयरफोर्स से सेवानिवृत्त हैं।

हिसार के कैंट में टावर कॉलोनी निवासी इस्लाम के पिता अली शेर एयरफोर्स में एयरमैन सार्जेंट के पद से सेवानिवृत्त हैं। उन्होंने बताया कि उनके पिता से उन्हें देशसेवा करने के लिए एयरफोर्स में जाने की प्रेरणा मिली। अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं, उनकी दो बड़ी बहनें है व मां घर संभालती हैं। अभी वो हिसार की गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी में एमसीए प्रथम वर्ष के छात्र हैं।

बचपन से ही पायलट बनने का सपना था।

इस्लाम ने बताया कि उनका बचपन से ही फाइटर पायलट बनने का सपना था। 10वीं व 12वीं केंद्रीय विद्यालय से की और ग्रेजुएशन हिसार के डीएन कॉलेज से बीसीए(बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लिकेशन) की। कॉलेज टाइम में एनसीसी(नेशनल कैडेट कोर) जॉइन की जहां अनुशासन सीखा।

एनसीसी कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन ने प्रेरित किया।

इस्लाम ने बताया कि ग्रेजुएशन में एनसीसी जॉइन करने के बाद कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनजीत सिंह विरदी ने एफ़कैट के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि एनसीसी में उन्हें अनुशासन व संयम सीखने को मिला जिससे उन्हें ऑफिसर पेरसेनलिटी विकसित करने में मदद मिली। उन्होंने लिखित परीक्षा की तैयारी अपने दोस्त मनजीत व सुमित के साथ की व एसएसबी(सर्विस सेलेक्शन बोर्ड) के लिए कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मंजीत सिंह ने लगातार प्रेरित व साथ दिया।

2018 में एयरफोर्स में एयरमैन का पद छोड़ा।

इस्लाम 2018 में ग्रेजुएशन के दौरान एयरफोर्स में एयरमैन के पद के लिए चयनित हुए लेकिन उनका सपना पायलट बनने का था। उन्होंने बताया कि पायलट बनने की जिद्द की वजह से उन्होंने वाई ग्रुप की जॉब छोड़ अपने सपने को पूरा करने के लिए जुट गए और सपने को हकीकत में तब्दील किया।

लक्ष्य को बनाएं व मेहनत करते रहें।

एफ़कैट की लिखित परीक्षा को लेकर उन्होंने बताया कि 1-2 घण्टे की पढ़ाई काफ़ी है, मुश्किल पड़ाव एसएसबी व सीपीएसएस(कंप्यूटराइज्ड पाइलट सेलेक्शन सिस्टम) का है। जिसमे आपका मानसिक व शारीरिक फिटनेस चेक होता है। एसएसबी में सेलेक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ भी दिखावा न करें, अनुशासित व संयमित रहें।

राफ़ेल व सुखोई-30 उड़ाने की चाहत।

इस्लाम ने बताया कि हैदराबाद में एयरफोर्स अकादमी में ट्रेनिंग के बाद राफ़ेल व सुखोई-30 उड़ाना चाहते हैं। उन्होंने बताया," राफ़ेल व सुखोई-30 जैसे जेट विमान उड़ाने का सपना हर पायलट देखता है, मैं भी इन्हें उड़ाकर प्रदेश व शहर का नाम रोशन करना चाहता हूं।"

कविता लिखने व फोटोग्राफी का है शौक।

इस्लाम ने बताया कि स्कूल व कॉलेज के दिनों में वे भाषण प्रतियोगिता व कविता प्रतियोगिता में निरंतर भाग लेते थे जिसके लिए 2019 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया था। उन्हें केंद्रीय विधायक में "सह पाठ्यक्रम गतिविधि" का कैप्टन भी नियुक्त किया गया था।उन्होंने बताया कि उन्हें हिसार के डीएन कॉलेज में "रॉल ऑफ ऑनर" से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें फोटोग्राफी का भी शौक है।
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