"ड्रीम(सपना), बिलीव(विश्वास) व अचीव(सफलता) का फॉर्मूला अपनाती हूं।"

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
अब वो समय नही रहा जब लड़कियां सिर्फ घर की चार दीवारों तक सीमित थी, अब लड़कियां हवा में ध्वनि की गति से तेज़ उड़ने वाले जेट विमानों को काबू करने के सपनें देखती हैं। हिसार के जवाहर नगर से सिमरन ने इसी सपने को हकीकत में तब्दील करने की ठानी है। सिमरन का एफ़कैट क्लियर होने पर एयरफोर्स की फ़्लाइंग ब्रांच में सेलेक्शन हुआ है। कड़ी मेहनत व लगन ने सिमरन को देश की गिनीचुनी महिला फाइटर पायलटों में शामिल होने का मौका दिया है। हरियाणा न्यूज़ अपडेट टीम की सिमरन से खास बातचीत जिसमे उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया।

घर के माहौल से मिली देशसेवा की प्रेरणा।

सिमरन ने बताया कि उनके दादा फ़ौज में थे तो घर के माहौल से ही देशसेवा की प्रेरणा मिली। उन्होंने बताया कि उनके पिता रविन्द्र चंदन नगर में स्टील फैक्ट्री चलाते हैं। बहन-भाइयों में सिरमन घर में छोटी बेटी है,उनसे बड़ी एक बहन है व एक छोटा भाई है। सिमरन ने बताया कि उनके परिवार ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया है, उनकी बड़ी बहन ने इंटरनेट व अन्य साधनों से पढ़ने में मदद की। उन्होंने बताया की उनकी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह उनके घर में लड़का व लड़की में भेदभाव न करने की भावना रही है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी सोच हर घर में होनी चाहिए जिससे लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़े।

10वीं कैम्पस स्कूल से व बी.एससी(एग्रीकल्चर) एचएयू यूनिवर्सिटी से की।

सिमरन ने बताया कि उनकी पढ़ाई में शुरु से रुचि रही है। उन्होंने 10वीं की पढ़ाई चौधरी चरण सिंह एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कैम्पस से व इसके बाद एचएयू से ही बी.एससी(एग्रीकल्चर) की पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि कॉलेज टाइम में ही उन्होंने एनसीसी(नेशनल कैडेट कोर) जॉइन की थी जिससे उन्हें जीवन में अनुशासन व एकाग्रता सीखने को मिली।

कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनजीत सिंह विरदी ने किया समय-समय पर सपोर्ट।

सिरमन ने बताया कि एनसीसी जॉइन करना उनके लिए जिंदगी बदलने वाला क्षण रहा। उन्होंने बताया कि उनके कमांडिंग ऑफिसर मनजीत सिंह विरदी ने उन्हें समय-समय पर सपोर्ट किया व संयम रखना सिखाया। सिरमन शुरू से ही खेल में सक्रिय रहीं, उन्होंने कॉलेज की तरफ से ट्रिपल जंपिंग में इंटर यूनिवर्सिटी खेला। उन्होंने कहा कि वे एनसीसी के यूथ चेंज प्रोग्राम के तहत भारत का भूटान में प्रतिनिधित्व भी कर चुकी हैं। 

अपने आप को छुपाए नहीं, बेहतर ऑफिसर लाइन क्वालिटी विकसित करें।

एफ़कैट की पढ़ाई पर उन्होंने कहा कि वे 2-3 घण्टे पढ़ती हैं, आगे कहा कि लिखित पढ़ाई से ज्यादा आपकी मानसिक व शारारिक फिटनेस मायने रखती हैं। उन्होंने कहा कि एसएसबी(सर्विस सेलेक्शन बोर्ड) की परीक्षा में आपका अनुशासन, मनोवैज्ञानिक समझ व लाइफ स्टाइल ज्यादा महत्व रखती है। उन्होंने कहा की तैयारी की शुरुआती से ऑफिसर लाइन क्वालिटी विकसित करें जिससे भविष्य में दिक्कत न हो।

राफ़ेल व सुखोई जैसे जेट विमान उड़ाना चाहती हैं।

सिरमन ने कहा कि लड़कियां हर जगह अपना दमखम दिखा रही हैं, उनका सपना भी है कि वे राफ़ेल या सुखोई-30 जैसे जेट विमान उड़ाए, शहर के साथ-साथ प्रदेश का नाम भी रोशन करें। उन्होंने बताया कि लिखित परीक्षा, एसएसबी, सीपीएसएस(कंप्यूटराइज्ड पाइलट सेलेक्शन सिस्टम) के बाद उनकी हैदराबाद की एयरफोर्स अकादमी में ट्रैनिंग है जिसमें उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर आगे ब्रांच दी जाएगी। 

ड्रीम,बिलीव व अचीव में यक़ीन रखती हैं।

सिमरन ने कहा,"मैं जिंदगी में ड्रीम(सपना), बिलीव(विश्वास) व अचीव(सफलता) के फॉर्मूला पर यकीन रखती हूं।" उन्होंने बताया की सपने देखो, उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करो व खुद पर हमेशा यकीन रखो। सिमरन ने कहा कि जब तक खुद पर भरोसा व जुनून नही होगा सपने पूरे नही हो सकते। आखिर में सिरमन ने कहा कि लड़कियां हमेशा लडकों के बराबर रही हैं, बस हमें सोच बदलने की ज़रूरत है।




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