ऐसी लापरवाही को जानकर तो रह जाएंगे आप भी हैरान

कोरोना कोविड-19 महामारी में भी ऐसी गंभीर लापरवाही

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 यह एक इत्तेफाक ही रहा कि शनिवार को अचानक पटौदी सबडिवीजन के एकमात्र नागरिक अस्पताल में दौरा करने का मौका मिल गया।  यह दौरा किसी पूर्वाग्रह को लेकर नहीं था । शनिवार को यहां नागरिक अस्पताल परिसर में आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर एकत्रित हुई थी। अस्पताल के सामने से जाते हुए जैसे ही अस्पताल परिसर में नजर गई तो जिज्ञासा बस जाना हुआ कि आखिर आशा वर्कर वहां क्यों एकत्रित हुई हैं ?

जैसे ही अस्पताल परिसर में जाना हुआ तो वहां के हालात देख कर और भी अधिक हैरानी हुई और यह एक इत्तेफाक ही रहा कि शनिवार को कोरोना कोविड-19 महामारी के चलते हुए पटौदी के नागरिक अस्पताल का दौरा करने का भी मौका मिल गया। जैसे ही अस्पताल के मुख्य प्रवेश द्वार से अंदर पहुंचे तो गेट पर हैरानी से अधिक विचारणीय सवाल अपने जवाब की तलाश में दिखाई दिया ? सवाल यह था कि अस्पताल परिसर में मुख्य गेट से यहां आने वाले रोगी बिना किसी रोक-टोक के आ जा रहे थे ।

गेट पर ने तो थर्मल स्कैनिंग  न ही हैंड सैनिटाइजर के लिए किसी को रोका-टोका जा रहा था। यहां आने वाले रोगी और अन्य लोग बिना किसी रोक-टोक के आवागमन करते दिखाई दिए।  यह तो बात रही अस्पताल परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार की । अब बात करते हैं इसी अस्पताल परिसर के अन्य दो और ऐसे आवागमन के मार्ग की, जहां से अक्सर लोग स्टाफ या अन्य रोगियों का भी आवागमन होता रहता है । वहां भी देख कर बड़ी हैरानी हुई कि मुख्य प्रवेश द्वार के बराबर में ही एक और आवागमन का रास्ता है। वहां भी दरवाजा खुला हुआ था, गेट पर रोक-टोक करने वाला अथवा पूछताछ करने वाला कोई भी स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद नहीं था। इस गेट से भी आने-जाने वाले अपनी मनमर्जी से आवागमन करते दिखाई दिए। यहां भी न किसी की थर्मल स्कैनिंग और ना ही किसी को हैंड सेनीटाइजर करवाया जा रहा था। इससे और कुछ कदम आगे चले जहां पर की अक्सर एंबुलेंस इत्यादि खड़ी रहती हैं, उस प्रवेश द्वार पर भी कुछ ऐसे ही हालात दिखाई दिए । उस गेट पर भी देखा गया कि अस्पताल परिसर में आने जाने वाले बिना किसी रोक-टोक के अपनी मनमर्जी से और अपनी सुविधा के मुताबिक आवागमन कर रहे हैं।

इतना ही नहीं अस्पताल परिसर में विभिन्न तीनों आवागमन के मार्ग से आवागमन किया गया ना किसी ने रोका ना किसी ने पूछा न किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी के द्वारा थर्मल स्कैनिंग की गई और न ही हैंड  सैनिटाइजर के लिए कहा गया। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब कोरोना कोविड-19 महामारी का दौर चल रहा है और अभी भी करोना कोविड 19 के मामले सामने आ रहे हैं । आखिर इस प्रकार की लापरवाही क्यों हो रही है ? हो रही है तो पटौदी नागरिक अस्पताल के स्थानीय वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों का इस लापरवाही की तरफ ध्यान क्यों नहीं जा रहा है ? ऐसे में सवाल उठना भी स्वाभाविक है कि कोई भी कोरोना संदिग्ध अथवा अन्य कोई ऐसा रोगी जो कि संक्रमित रोग से पीड़ित हो, वह भी बेखौफ होकर अथवा जाने-अनजाने में अस्पताल परिसर में पहले से ही मौजूद रोगियों के बीच में बेझिझक जाकर अपने उपचार की बारी का इंतजार करने के लिए बैठ सकता है । इस बात से इंकार नहीं की जब कोरोना कॉविड 19 एक प्रकार से संक्रमित रोग है, तो ऐसे में यदि कोई  कोरोना संक्रमित पहुंच भी गया तो क्या अस्पताल परिसर के अंदर के माहौल को पूरी तरह से सुरक्षित कहा जा सकता है ?

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