मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
कोरोना का संकट आये दिन बढ़ता ही जा रहा है दुनियाभर में अब तक 7 लाख से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। ब्राज़ील में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की तादाद 1 लाख के पार हो गई है। अमेरिका में अब तक 1 लाख 62 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं भारत में भी मौत का 50 हज़ार के करीब पहुंच गया है। लेकिन एक देश ऐसा जहां पिछले 100 दिनों से कोरोना का कोई केस दर्ज़ नही किया गया है। भारत से 12 हज़ार किलोमीटर दूर एक द्वीपीय देश न्यूज़ीलैण्ड ने कोरोना वायरस को मात दी है।
लोग खुल कर रग्बी मैच देख रहे हैं और बिना डर के बार में में जा रहे हैं।
महज़ पचास लाख की आबादी वाले न्यूज़ीलैण्ड में जनजीवन सामान्य हो गया है रग्बी मैच को देखने के लिए स्टेडियम खचा-खच भरे हैं। लोग बिना किसी डर के होटल व बार जा रहे हैं। न्यूज़ीलैण्ड में फरवरी से अब तक 1 हज़ार 219 केस दर्ज़ किये गए हैं जिसमे 22 लोगों की मौत हुई है। देश में अभी सिर्फ 23 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जिनका सख्त आइसोलेशन में इलाज़ चल रहा है।
अभी भी सतर्क रहने को है ज़रूरत।
प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए बच्चे को जन्म देने वाली व मार्च 2019 में मस्जिद पर हुए हमलों के बाद पीड़ितों से बुर्के में मिलने पहुंची जेसिंडा अर्ड्र्न की कोरोना संकट में नेतृत्व की दुनियाभर में तारीफ़ हो रही है। शुरू से ही उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ सख़्त कदम उठाए।
स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ एशले ब्लूमफील्ड ने रविवार को कहा, "100 दिनों से कोरोना वायरस का एक भी केस नही आना बड़ी उपलब्धि है लेकिन हमें आत्मसंतुष्ट होने की जरूरत नही है।"
उन्होंने कहा,"हमने विदेशों में देखा है कि वायरस कितनी जल्दी फिर से उभर सकता है और उन जगहों पर फैल सकता है जहां यह पहले से नियंत्रण में था, और हमें न्यूजीलैंड में भविष्य के किसी भी मामले को जल्दी से तैयार करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।"
प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्ड्र्न ने भी कहा, "100 दिन हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है लेकिन हमे अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।"
सही वक़्त पर सही कदमों से हुई जीत।
विशेषज्ञों के अनुसार न्यूज़ीलैण्ड की कोरोना से जीत में उनकी प्रधानमंत्री की सही नीतियों का बहुत बड़ा योगदान है। न्यूज़ीलैण्ड ने फरवरी में कोरोनो वायरस के शुरुआती मामलों में ही सख़्ती से कदम उठाने शुरू कर दिए थे। सरकार ने सबसे पहले देश के बॉर्डर को चारों तरफ से सील कर दिया था, उसके बाद जल्दी व सख़्ती से लॉकडाउन को लागू किया गया।
ट्रेसड एन्ड टेस्ट की नीति अपनाई जिसके तहत देश में 8 हज़ार टेस्ट प्रतिदिन किए गए। जनता को साफ़ सन्देश दिया गया कि वे अपने घरों से बाहर न निकले। सरकार ने लोगों को निर्देश दिए कि वे अपने घर से 2 किलोमीटर की दूरी पर किसी से न मिलें।