मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
हरियाणा सरकार ने अबकी बार रक्षाबंधन पर महिलाओं को मुफ़्त में सफर करने की सुविधा नही देने का फैसला किया है। हरियाणा सरकार में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में केंद्र व राज्य सरकारों की गाइडलाइन्स के चलते अबकी बार प्रदेश की बहनों को हरियाणा रोडवेज में मुफ़्त सफर करने की सुविधा नही जा सकेगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जारी किये गए सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना जरूरी है। ऐसे में हरियाणा रोड़वेज ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बहनों को फ्री सफर करने की सुविधा को टाला गया है। ग़ौरतलब है कि 14 साल से लगातार हरियाणा में रक्षाबंधन के पर्व पर महिलाओं व 15 साल से कम उम्र के बच्चों को रोड़वेज में फ्री सफर करने की सुविधा दी जाती है।
कोरोना संकट में हरियाणा रोड़वेज को करोडों का घाटा।
साल 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा शुरू की गयी पहल 14 सालों से लगातार चली आ रही थी लेकिन कोरोना संकट के चलते इसे पहली बार टाला गया है।
बता दें की कोरोना महामारी में हरियाणा रोड़वेज को करोडों रुपयों का नुकसान हुआ है। वहीं सरकार ने सोशल डिस्टेननिंग को ध्यान में रखते हुए बसों में 30 से ज्यादा सवारी न बिठाने का फैसला किया है। इसके अलावा लोग भी संक्रमण को खतरे को देखते हुए सरकारी परिवहनों का इस्तेमाल करने से डर रहे हैं जिससे रोड़वेज को काफ़ी बसों को कैंसिल भी करना पड़ रहा है। ऐसे में रोड़वेज को करोडों रुपयों का घाटा हुआ है।
रोड़वेज यूनियन ने किया विरोध।
वहीं रोड़वेज कर्मचारी यूनियन भी सरकार के विरोध में उतर आयी है। यूनियन ने इसे महिला विरोधी कहा है।यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष इंद्र सिंह बधाना, प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने रक्षाबंधन पर फ्री सफर करने की सुविधा को इस साल लागू न करने के फ़ैसले को महिला विरोधी कहा है। रक्षाबंधन के त्योहार पर महिलाओं की फ्री यात्रा सुविधा जारी रखी जाए। यूनियन ने कोरोना महामारी में बसें खड़े रहने, डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी, बसों के रख रखाव व श्रमिकों को फ़्री में दूसरे राज्यों तक लाने व पहुंचाने से आये घाटे से निपटने के लिए 850 करोड़ का राहत पैकेज देने की मांग की है।