आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद रिपोर्ट आने तक सैल्फ क्वारंटाइन में रहे

पाॅजिटिव और सिम्टोमैटिक मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की सलाह

मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोरोग विशेषज्ञ तथा मनोवैज्ञानिक भी

फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम ।
 गुरूग्राम जिला प्रशासन ने एंटीजन टेस्टिंग के बाद अपनाई जाने वाली गाइडलाईन जारी की हैं जिनका हर उस व्यक्ति को पालन करना जरूरी है जिसका कोरोना संक्रमण की जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया हो।

इन गाइडलाईन्स के बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त अमित खत्री ने बताया कि एंटीजन टेस्ट होने पर व्यक्ति के सैंपल की रिपोर्ट कोरोना संक्रमण के लिए पाॅजिटिव आएगी या नेगेटिव आएगी। यदि टेस्ट रिपोर्ट पाॅजिटिव आती है तो यह देखा जाना चाहिए कि व्यक्ति सिम्टोमैटिक है या एसिम्टोमैटिक। सिम्टोमैटिक मरीज वे होते हैं जिसमें बीमारी के लक्षण नजर आते हैं और एसिम्टोमैटिक वे मरीज होते हैं जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं के बराबर होते हैं अथवा बहुत ही कम होते हैं। उन्होंने बताया कि नेगेटिव रिपोर्ट वाले व्यक्ति में यदि बीमारी के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है और यदि कोई लक्षण नहीं दिखाई देते तो व्यक्ति को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने वाले व्यक्ति के लिए जरूरी है कि वह रिपोर्ट आने तक सैल्फ क्वारंटाइन में रहे अर्थात् घर में अलग से रहने की व्यवस्था करे तथा किसी भी घर से सदस्य से संपर्क ना करे।

उन्होंने बताया कि एंटीजन टेस्टिंग के बाद पाॅजिटिव पाए गए मरीज को आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए और उसकी आइसोलेशन या अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए काउंसलिंग की जानी आवश्यक है। पाॅजिटिव और सिम्टोमैटिक मरीज को सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में दाखिल होने की सलाह दी जाती है। यदि अस्पताल से 10 दिन में उसे डिस्चार्ज कर दिया जाता है तो भी वह अगले 7 दिन होम क्वारंटाइन में रहे। जो व्यक्ति एंटीजन टेस्टिंग में पाॅजिटिव पाया गया है परंतु वह एसिम्टोमैटिक है अर्थात् उसमें बीमारी के लक्षण ना के बराबर नजर आते हैं, ऐसे मरीजों को घर में ही होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है, जहां पर उनका स्वास्थ्य 17 दिन तक ठीक रहता है तो उन्हें डिस्चार्ज माना जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी कारण से अपने घर में होम आइसोलेशन मंे नहीं रहना चाहता, वह संस्थागत आइसोलेशन सुविधा में रह सकता है। इसके लिए सरकारी तथा प्राईवेट पेड सुविधाओं की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा की गई है।  

होम आइसोलेशन में रहने वाले एसिम्टोमैटिक मरीजों के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच के लिए एक स्वास्थ्य मोनिटरिंग टीम लगाई हुई है जो उनके संपर्क में रहती है। यह टीम हर तीन दिन में ऐसे मरीजों की शंकाओं तथा समस्याओं को सुनकर उनका समाधान करती है। यही नहीं, डाक्टरों की टीम भी ऐसे मरीजों के साथ आॅनलाईन मीटिंग करके उनका मार्ग दर्शन करती है। डाक्टरों की इस टीम में मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए मनोरोग विशेषज्ञ तथा मनोवैज्ञानिक भी होते हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान यदि किसी मरीज का स्वास्थ्य बिगड़ता दिखाई देता है तो उसे तत्काल अस्पताल में दाखिल करवाया जाता है। ऐसे मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए हैल्पलाईन नंबर 108 पर एंेबुलेंस सुविधा दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए जिला की हैल्पलाईन 1950 पर भी डायल किया जा सकता है।


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