पाॅजिटिविटी रेट 14 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत से भी कम
टेस्टिंग ज्यादा होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढी
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम । गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि गुरूग्राम में अभी वीकेंड बाजार बंद करने का कोई विचार नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण के केसों के आधार पर समय-समय पर निर्णय लिए जाते हैं। कंटेनमंेट जोन या लार्ज आउट बे्रक रीजन (एलओआर) की निकटता या उसमे पड़ने वाले क्षेत्रों के लिए हिदायतें जारी की जा रही हैं। जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए टेस्टिंग पहले की अपेक्षा 10 गुणा बढाए जाने के बावजूद भी पाॅजिटिविटी रेट 14 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत से भी कम हो गया है। उपायुक्त स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हाॅल परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ गुरूग्राम के मण्डलायुक्त अशोक सांगवान तथा सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव भी उपस्थित थे।
डीसी खत्री ने कहा कि एक महीने पहले गुरूग्राम जिला में जहां रोजाना 300 से 400 मरीजों के सैंपल टेस्ट किए जा रहे थे वहीं अब यह आंकड़ा पहले की अपेक्षा 10 गुणा अर्थात् 3000 तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा है कि टेस्टिंग ज्यादा होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढती है लेकिन गुरूग्राम के मामले में ऐसा नहीं हुआ। जिला में टेस्टिंग, टैªकिंग और ट्रेसिंग बढाई जाने के बावजूद रोजाना पाए जाने वाले पाॅजिटिव मरीजों की संख्या इससे रिक्वर होने वालों के लगभग बराबर आ रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर पाॅजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है, ऐसा आमजन की जागरूकता व सतर्कता के कारण संभव हो पाया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि कंटेनमेंट जोन घोषित क्षेत्रांे में रहने वाले कर्मियों को ड्यूटी पर बुलाने की अनुमति नहीं है लेकिन यदि कर्मचारी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले विभाग में कार्यरत है तो उसे बुलाया जा सकता है। अध्यापकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो अध्यापक प्रशासनिक कार्यों में सम्मिलित नहीं है और विद्यार्थियों का पढाई का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है अर्थात् आॅनलाईन कक्षाएं लगाई जा रही हैं, ऐसे में कंटेनमेंट जोन से ड्यूटी पर बुलाने की आज्ञा नहीं है। कंटेनमेंट जोन में व्यक्तियों के आवागमन पर प्रतिबंध कायम है।
उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नए एलओआर बनाए गए हैं। इन क्षेत्रों में टेस्टिंग बढाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि जिला में 7350 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 6197 ने रिक्वर किया है जो दर्शाता है कि हमारे जिला में रिक्वरी रेट बढकर 85 प्रतिशत हो गया है। हमारा प्रयास है कि जिला में कोरोना संक्रमण से किसी भी व्यक्ति की मौत ना हो, इसके लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में 831 कोरोना संक्रमित मरीज एसिम्टोमैटिक हैं जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। इन मरीजों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा एसमएस, फोन काॅल आदि के विभिन्न माध्यमों से संपर्क किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि वर्तमान में 150 मरीज हाॅस्पिटलाईज्ड हैं जिनमें कोरोना के लक्षण मध्यम अथवा गंभीर हैं। इसके अलावा, जिला में 62 मरीज कोविड केयर सैंटरों में आइसोलेटिड हैं। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि समय पर टेस्टिंग करवाते हुए इसकी पहचान की जाए। उन्होंने आमजन का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने भीतर कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते ही टेस्टिंग करवाएं ताकि समय पर ईलाज हो सके और कोरोना को फैलने से रोका जा सके। एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम में कोरोना केसों के घनत्व मंे भी गिरावट आई है। उदाहरण देते हुए उन्होने बताया कि 23 जून को कोरोना एक्टिव केसो की की संख्या 1833 थी जो अब घटकर 1042 रह गई है।
एक सवाल के जवाब में उपायुक्त ने यह भी कहा कि लाॅकडाउन खुलने के बाद अब दोबारा से आर्थिक गतिविधियां पुनः गति पकड़ने लगी हैं। ऐसे में गुरूग्राम में वापिस लौट रहे श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत तथा अन्य स्वः रोजगार को बढावा देने वाली योजनाओं के लिए बैंक उदारता से ऋण सुविधा मुहैया करवा रहे हैं। यही नहीं, जिला में मनरेगा के माध्यम से भी रोजगार दिया जा रहा है। मास्क नहीं पहनने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री खत्री ने कहा कि बेशक कोरोना संक्रमण की स्थिति में गुरूग्राम जिला में सुधार हुआ है लेकिन नागरिक इसे हलके में ना लें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मास्क अवश्य पहने। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में प्रशासन द्वारा और कड़ाई बरती जाएगी तथा चालान करने की कार्यवाही को बढाया जाएगा।
टेस्टिंग ज्यादा होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढी
फतह सिंह उजाला
गुरूग्राम । गुरूग्राम के उपायुक्त अमित खत्री ने कहा कि गुरूग्राम में अभी वीकेंड बाजार बंद करने का कोई विचार नहीं है, लेकिन कोरोना संक्रमण के केसों के आधार पर समय-समय पर निर्णय लिए जाते हैं। कंटेनमंेट जोन या लार्ज आउट बे्रक रीजन (एलओआर) की निकटता या उसमे पड़ने वाले क्षेत्रों के लिए हिदायतें जारी की जा रही हैं। जिला में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए टेस्टिंग पहले की अपेक्षा 10 गुणा बढाए जाने के बावजूद भी पाॅजिटिविटी रेट 14 प्रतिशत से घटकर 9 प्रतिशत से भी कम हो गया है। उपायुक्त स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद हाॅल परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ गुरूग्राम के मण्डलायुक्त अशोक सांगवान तथा सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव भी उपस्थित थे।
डीसी खत्री ने कहा कि एक महीने पहले गुरूग्राम जिला में जहां रोजाना 300 से 400 मरीजों के सैंपल टेस्ट किए जा रहे थे वहीं अब यह आंकड़ा पहले की अपेक्षा 10 गुणा अर्थात् 3000 तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि ऐसी धारणा है कि टेस्टिंग ज्यादा होने से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढती है लेकिन गुरूग्राम के मामले में ऐसा नहीं हुआ। जिला में टेस्टिंग, टैªकिंग और ट्रेसिंग बढाई जाने के बावजूद रोजाना पाए जाने वाले पाॅजिटिव मरीजों की संख्या इससे रिक्वर होने वालों के लगभग बराबर आ रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर पाॅजिटिव पाए जाने वाले मरीजों की संख्या में गिरावट आई है, ऐसा आमजन की जागरूकता व सतर्कता के कारण संभव हो पाया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि कंटेनमेंट जोन घोषित क्षेत्रांे में रहने वाले कर्मियों को ड्यूटी पर बुलाने की अनुमति नहीं है लेकिन यदि कर्मचारी आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले विभाग में कार्यरत है तो उसे बुलाया जा सकता है। अध्यापकों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो अध्यापक प्रशासनिक कार्यों में सम्मिलित नहीं है और विद्यार्थियों का पढाई का कार्य प्रभावित नहीं हो रहा है अर्थात् आॅनलाईन कक्षाएं लगाई जा रही हैं, ऐसे में कंटेनमेंट जोन से ड्यूटी पर बुलाने की आज्ञा नहीं है। कंटेनमेंट जोन में व्यक्तियों के आवागमन पर प्रतिबंध कायम है।
उन्होंने कहा कि जिला में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नए एलओआर बनाए गए हैं। इन क्षेत्रों में टेस्टिंग बढाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि जिला में 7350 कोरोना संक्रमित मरीजों में से 6197 ने रिक्वर किया है जो दर्शाता है कि हमारे जिला में रिक्वरी रेट बढकर 85 प्रतिशत हो गया है। हमारा प्रयास है कि जिला में कोरोना संक्रमण से किसी भी व्यक्ति की मौत ना हो, इसके लिए गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में 831 कोरोना संक्रमित मरीज एसिम्टोमैटिक हैं जिन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। इन मरीजों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा एसमएस, फोन काॅल आदि के विभिन्न माध्यमों से संपर्क किया जा रहा है। श्री खत्री ने बताया कि वर्तमान में 150 मरीज हाॅस्पिटलाईज्ड हैं जिनमें कोरोना के लक्षण मध्यम अथवा गंभीर हैं। इसके अलावा, जिला में 62 मरीज कोविड केयर सैंटरों में आइसोलेटिड हैं। उपायुक्त ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि समय पर टेस्टिंग करवाते हुए इसकी पहचान की जाए। उन्होंने आमजन का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने भीतर कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते ही टेस्टिंग करवाएं ताकि समय पर ईलाज हो सके और कोरोना को फैलने से रोका जा सके। एक अन्य सवाल के जवाब में उपायुक्त ने कहा कि गुरूग्राम में कोरोना केसों के घनत्व मंे भी गिरावट आई है। उदाहरण देते हुए उन्होने बताया कि 23 जून को कोरोना एक्टिव केसो की की संख्या 1833 थी जो अब घटकर 1042 रह गई है।
एक सवाल के जवाब में उपायुक्त ने यह भी कहा कि लाॅकडाउन खुलने के बाद अब दोबारा से आर्थिक गतिविधियां पुनः गति पकड़ने लगी हैं। ऐसे में गुरूग्राम में वापिस लौट रहे श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की आत्मनिर्भर भारत तथा अन्य स्वः रोजगार को बढावा देने वाली योजनाओं के लिए बैंक उदारता से ऋण सुविधा मुहैया करवा रहे हैं। यही नहीं, जिला में मनरेगा के माध्यम से भी रोजगार दिया जा रहा है। मास्क नहीं पहनने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री खत्री ने कहा कि बेशक कोरोना संक्रमण की स्थिति में गुरूग्राम जिला में सुधार हुआ है लेकिन नागरिक इसे हलके में ना लें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मास्क अवश्य पहने। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में प्रशासन द्वारा और कड़ाई बरती जाएगी तथा चालान करने की कार्यवाही को बढाया जाएगा।