मनीषबालवान सिंह जांगड़ा, हिसार
1 जुलाई से हॉन्गकॉन्ग में लागू हुए नए सुरक्षा कानून को चीन और अमेरिका आमने सामने आ गए हैं। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को लेकर सख़्त रवैया अपनाते हुए हॉन्गकॉन्ग के विशेष दर्ज़े को समाप्त कर बैंकों पर प्रतिबंध लगाने लगाने का प्रस्ताव पारित किया है। इसके बदले में चीन ने भी जवाबी कारवाई की चेतावनी दी है।

ऐसे लोंगो पर प्रतिबंध लगाएंगे जो हांगकांग की स्वायत्ता को खत्म कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में  खुद को चीन के प्रति सबसे सख्त अमेरिकी राष्ट्रपति बताया। उन्होंने कहा, "अब हांगकांग के साथ चीन की ही तरह पेश आया जाएगा। उसे कोई विशेष अधिकार नहीं दिए जाएंगे, आर्थिक रूप से उसके साथ कोई खास बर्ताव नहीं किया जाएगा।" चीन पर वार करते हुए उन्होंने कहा, "बीजिंग ने हाल ही में हांगकांग पर सख्त नया सुरक्षा कानून लगाया है। उनकी आजादी छीन ली गई है, उनके अधिकार छीन लिए गए हैं। और इसके साथ ही, मेरी राय में, हांगकांग बाजार में प्रतिस्पर्धा करने लायक नहीं बचेगा। बहुत से लोग अब हांगकांग छोड़ देंगे।"

डोनाल्ड ट्रम्प ने हांगकांग ऑटोनोमी एक्ट को पारित करने की भी बात कही जिसके तहत हांगकांग की स्वायत्ता की अवहेलना करने के लिए हांगकांग पुलिस अधिकारी व चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस कानून के तहत दुनियाभर कर देशों को अमेरिकी या चीनी बैंकों में से एक को चुनना होगा। ट्रम्प ने कहा की इस कानून के बाद मेरी सरकार को ऐसे संशाधनों की ताकत मिल जाएगी जिससे वे हांगकांग की स्वायत्ता को नुकसान पहुंचाने वालो लोगों पर प्रतिबंध लगा सकेंगे।

चीन ने कहा देश को जानबूझकर बदनाम किया जा रहा है।
इसके जवाब में चीन ने जवाबी करवाई करने की बात कही है। चीन ने हांगकांग ऑटोनोमी एक्ट को देश को जानबूझकर बदनाम करने वाला बताया। चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है, "चीन अपने हितों की रक्षा के लिए जरूरी प्रतिक्रिया देगा और अमेरिकी अधिकारियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाएगा। " नए कानून के तहत अमेरिका राष्ट्रपति अगर चाहें भी, तो एक बार लगे प्रतिबंधों को आसानी से हटा नहीं सकेंगे। संसद अगर चाहे तो प्रतिबंध हटाने के उनके फैसले को उलट सकती है।

हांगकांग में हो रहे हैं लगातार प्रदर्शन।

हांगकांग में जुलाई के शुरुआत से नया सुरक्षा कानून लागू हो गया है। चीन में इसे हांगकांग की 23वीं वर्षगांठ पर लागू किया। शहर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने कोनून की प्रतियां जारी की। जिसके बाद हांगकांग की सड़कों पर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। लोकतांत्रिक प्रदर्शनकारियों ने अंत तक प्रतिरोध और हांगकांग आज़ादी के नारे लगाए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राजद्रोह के तहत सख़्त करवाई की चेतावनी दी फिर भी नही मानने पर जवाबी करवाई में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की।बौछारों का इस्तेमाल किया और प्रदर्शनकारियों को तीतर-बितर किया। पुलिस ने पत्रकारों को भी नही बख्शा और उनपर पेप्पर स्प्रे का इस्तेमाल किया। जानकारों के मुताबिक हांगकांग का नया सुरक्षा कानून चीन के मुख्य भूमि पर मौजूद कानून से भी सख़्त है।

अमेरिका में नवम्बर में होने हैं राष्ट्रपति के चुनाव।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की चीन के साथ उलझने की वजह नवम्बर में होने वाले राष्ट्रपति के चुनावों को भी बताया जा रहा है। चीन के साथ ट्रम्प के शुरू से ही अच्छे रिश्ते नही रहे। चीन के साथ आर्थिक युद्ध जिसमे उन्होंने चीन से आयात चीजों पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाई थी, दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के नौसेना के बेड़े, उईगुर मुसलमानों पर चीन के रुख को लेकर चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध और अब हांगकांग को लेकर विवाद को चीन की बढती ताक़त को कम करने व अमेरिका को सुपरपॉवर बनाए रखने की वजह माना जा रहा है। हाल ही में ट्रम्प ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भी अपने रिश्ते तोड़ लिए हैं जिसके पीछे उन्होंने डब्ल्यूएचओ पर चीन परस्त होने का आरोप लगाया है।
जानकारों के मुताबिक ट्रम्प की इन सब नीतियों के पीछे अमेरिकी जनता को चीन के मुद्दे पर उलझाए रखना है ताकि उनकी विफलता को छुपाया जा सके। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों व लोकडाउन को लेकर नीतियों को लेकर ट्रम्प की अमेरिकी मीडिया में काफी आलोचना हुई है।

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