ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन
कार्यशाला ब्रेक थू्र नामक संस्था के सहयोग से आयोजित की गई
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा घरेलू हिंसा रोकने के लिए बनाए गए प्रोटेक्शन ऑफ वीमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वोइलेंस एक्ट (पीडब्लूडीवी) 2005 को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ब्रेक थू्र नामक संस्था के सहयोग से आयोजित की गई थी। कार्यशाला ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें जिला के 20 से अधिक पैरा लीगल वालंटियर तथा 15 पैनल अधिवक्ताओं के साथ ब्रेक थ्रू नामक संस्था के 15 से अधिक स्वंयसेवकों ने भाग लिया ताकि जिला में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं सहित अन्य महिलाओं को पीडब्लूडीवी एक्ट 2005 के बारे में जानकारी दी जा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जरूरी है कि महिलाओं को घरेलू हिंसा रोकने को लेकर बनाए गए (पीडब्लूडीवी)-2005 एक्ट की जानकारी हो ताकि वे भविष्य में स्वयं के साथ साथ अन्य महिलाओं का भी घरेलू हिंसा से रक्षण कर सकें।
ब्रेक थू्र संस्थान से अरविंद सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा महिला अधिकारों, लिंग भेदभाव व लिंग जांच जैसे मुद्दों पर लंबे समय पर काम किया जा रहा है । उनके संस्थान की टीम द्वारा गाँवों में फोन कॉल्स के माध्यम से भी इस एक्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हें कोरोना संक्रमण संबंधी बचाव उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। कार्यशाला में संस्थान की ओर से मीना तथा कोर्डिनेटर भारती ने भी घरेलू हिंसा रोकने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी के साथ , जतिंदर , मीनू भारद्वाज, ब्रेक थ्रू संस्था की ओर से कॉर्डिनेटर भारती, मीना, मुकेश, अरविंद झा, सुशील, स्वाति, गोरी और अरविंदर शामिल रहे।
गुरुग्राम । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा घरेलू हिंसा रोकने के लिए बनाए गए प्रोटेक्शन ऑफ वीमेन फ्रॉम डोमेस्टिक वोइलेंस एक्ट (पीडब्लूडीवी) 2005 को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ब्रेक थू्र नामक संस्था के सहयोग से आयोजित की गई थी। कार्यशाला ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें जिला के 20 से अधिक पैरा लीगल वालंटियर तथा 15 पैनल अधिवक्ताओं के साथ ब्रेक थ्रू नामक संस्था के 15 से अधिक स्वंयसेवकों ने भाग लिया ताकि जिला में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं सहित अन्य महिलाओं को पीडब्लूडीवी एक्ट 2005 के बारे में जानकारी दी जा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने बताया कि घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जरूरी है कि महिलाओं को घरेलू हिंसा रोकने को लेकर बनाए गए (पीडब्लूडीवी)-2005 एक्ट की जानकारी हो ताकि वे भविष्य में स्वयं के साथ साथ अन्य महिलाओं का भी घरेलू हिंसा से रक्षण कर सकें।
ब्रेक थू्र संस्थान से अरविंद सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा महिला अधिकारों, लिंग भेदभाव व लिंग जांच जैसे मुद्दों पर लंबे समय पर काम किया जा रहा है । उनके संस्थान की टीम द्वारा गाँवों में फोन कॉल्स के माध्यम से भी इस एक्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है। साथ ही उन्हें कोरोना संक्रमण संबंधी बचाव उपायों के बारे में जानकारी दी जा रही है। कार्यशाला में संस्थान की ओर से मीना तथा कोर्डिनेटर भारती ने भी घरेलू हिंसा रोकने को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की।
कार्यशाला में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी के साथ , जतिंदर , मीनू भारद्वाज, ब्रेक थ्रू संस्था की ओर से कॉर्डिनेटर भारती, मीना, मुकेश, अरविंद झा, सुशील, स्वाति, गोरी और अरविंदर शामिल रहे।