गोल्डन बाबा ने दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में ली आखिरी सांस।

ज्योति जांगड़ा, हिसार 
लंबी बीमारी के चलते गोल्डन बाबा का मंगलवार रात निधन हो गया। गोल्डन बाबा को पिछले कई वर्षो से सांस की बीमारी थी। पूर्वी दिल्ली स्थित गाँधी नगर के  रहने वाले गोल्डन बाबा का 18 मई से एम्स हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। 
बाबा जी हरिद्वार के कई अखाड़ों से जुड़े हुए थे। उनके  खिलाफ अपहरण, मारपीट, फिरौती, जबरन वसूली, जान से मारने की धमकी जैसे कई आपराधिक मामले भी दर्ज थे।
 क्यों कहा जाता था गोल्डन बाबा
 गोल्डन बाबा का असली नाम सुधीर कुमार कक्कड़ है। उन्हें सन् 1972 से ही सोना पहनना बहुत पसंद था। वे सोने को अपना इष्ट देव मानते थे। वह हमेशा से ही कई किलो सोना पहने रखते थे। सोने का लॉकेट, बाजूबंद यही नहीं उनकी दसों उंगलियों सोने की अंगूठियों से भरी रहती थी। गोल्डन बाबा उस सोने की सुरक्षा के लिए 25 से 30 कार्ड अपने साथ रखते थे। 
 सन्यासी बनने के पीछे की कहानी
 गोल्डन बाबा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के रहने वाले थे। सन्यासी बनने से पहले गोल्डन बाबा दिल्ली में गारमेंट्स का बिजनेस किया करते थे।  गांधीनगर की अशोक गली में गोल्डन बाबा का आश्रम भी है। अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए गोल्डन बाबा सन्यासी बने थे। 
पूर्वी दिल्ली के थे पुराने हिस्ट्रीशीटर
 गोल्डन बाबा पूर्वी दिल्ली के हिस्ट्रीशीटर थे। हिस्ट्रीशीटर से मतलब है कि गोल्डन बाबा का पूर्वी दिल्ली के थाने में उनके छोटे बड़े तमाम गुनाहों का पूरा हिसाब किताब दर्ज़ हैं। 
 
Previous Post Next Post