मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
पूर्वोत्तर राज्य असम में बाढ़ और भूस्खलन से हालात बद से बदतर होते जा रहें हैं। बीते 24 घण्टों में 5 और लोगों की मौत से मौत का आंकड़ा 97 हो गया है। राज्य के 33 जिलों में से 27 जिले बुरी तरह से प्रभावित हैं। लगभग 40 लाख लोग बाढ़ व भूस्खलन से मुसीबत में हैं। गुरुवार को असम स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट ऑथोरिटी(एएसडीएमए) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार मोरीगांव में दो लोगों की वहीं लखीमपुर,बारपेटा, गोलपारा में एक-एक मौत की घटना दर्ज़ की गयी है।
40 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित।
इस साल राज्य में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 97 हो गई हैं। जिसमे बाढ़ से 71 लोगों की की मौत हुई है जबकि 26 लोगों की भूस्खलन से मौत हुई है। एएसडीएमए के मुताबिक धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, सोनितपुर, दरंग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमरा, गोलपारा, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरीगांव, नागांव, होजई, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में लगभग 40 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया काजीरंगा नेशनल पार्क का दौरा।
एएसडीएमए के मुताबिक धुबरी में सबसे ज़्यादा 8.72 लाख लोग प्रभावित हैं। वहीं बारपेटा में 4.78 लोग व गोलपारा में 4.28 लाख लोग प्रभावित हैं। 24 घण्टों में एनडीआरएफ़ की टीम ने राज्यभर में 113 नावों से 2737 लोगों को बचाया है। मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने काजीरंगा नेशनल उद्यान का दौरा कर वहां मौजूद जानवरों का जायजा लिया। उन्होंने पार्क की सुरक्षा में लगे अधिकारियों से भी बात की और बाढ़ में जानवरों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा की बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए सरकार हर संभव मदद कर रही है और कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टनसिंग व अन्य मापदण्डों का ख़्याल रखा जा रहा है। सोनोवाल ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास बरजुरी में सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ रिहैबिलिटेशन एंड कंजर्वेशन (सीडब्ल्यूआरसी) का भी दौरा किया और केंद्र में उपलब्ध जानवरों और सुविधाओं के लिए किए गए उपायों का जायजा लिया।