सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि, "बीजेपी अपनी 13 सितंबर की रैली के लिए बंगाल के बाहर से बमों से लैस गुंडों को लेकर आई. हिंसक बीजेपी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोली चला सकती थी, लेकिन सरकार ने संयम बरता." कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी नबन्ना मार्च में हुए बवाल को लेकर राज्य के गृह सचिव से रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने 19 सितंबर तक रिपोर्ट जमा करने का समय दिया है.

नबन्ना अभियान में हुआ था बवाल

दरअसल, बीजेपी ने बीते दिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार के खिलाफ पश्चिम बंगाल सचिवालय की ओर नबन्ना मार्च निकाला था. पुलिस ने इस मार्च के लिए अनुमति नहीं दी थी. विरोध मार्च के दौरान भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पुलिस के बीच कई जगह झड़प हुई थी. 

पुलिस वाहन में लगाई गई आग 

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे. पुलिस ने कई कार्यकर्ता हिरासत में भी लिए थे. प्रदर्शन के दौरान पुलिस की एक कार में आग लगा दी गई थी. टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने अपने मार्च के दौरान हिंसा की और पुलिस वाहन में आग लगाई. 

टीएमसी ने बीजेपी पर साधा निशाना

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि, "बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश ने देखा कि बीजेपी (BJP) के ये गुंडे हमारे राज्य के साथ क्या करने में सक्षम हैं. ये सोचकर ही हम सिहर उठते हैं कि अगर ये लोग सत्ता में आ जाते तो और क्या करते. बंगाल ने इस पार्टी को अस्वीकार किया जिसके लिए मैं धन्यवाद करता हूं. अब देश के लिए भी इस पार्टी को त्यागने का समय आ गया है