मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
भारत से क़रीब 2 हज़ार किलोमीटर दूर स्थित द्विपीय देश श्री लंका में सोमवार को कोने कोने में अंधेरा पसर गया था। श्री लंका की वाणिज्यिक राजधानी कोलम्बो के बाहरी क्षेत्र में स्थित केरावलपिटिया में प्रमुख ऊर्जा सयंत्र में तकनीकी ख़राबी के बाद पूरे देश में बिजली गुल रही जिससे जन जीवन अयस्त-व्यस्त रहा।
करीब सात घण्टे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई लेकिन देश के कुछ इलाकों में अभी भी अंधेरा पसरा हुआ है।
इससे पहले 2016 में ऊर्जा आपूर्ति ठप हुई थी।
मार्च 2016 के बाद यह दूसरी घटना है जब पूरे देश में बिजली व्यवधान हुआ है जिसमें करीब सात घण्टे अंधेरा रहा। इससे पहले 2016 में देश में आठ घण्टे बिजली की आपूर्ति ठप हुई थी।
पब्लिक यूटिलिटी रेगुलेटर का कहना है कि यह दिक्कत क्यों हुई इसके कारणों की जांच की जाएगी और सरकार के एकाधिकार वाले सिलोन बिजली बोर्ड को इस सम्बन्ध में कारण स्पष्ट करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है।
देश में प्रशासनिक गतिविधियां हुई ठप।
बिजली आपूर्ति ठप होने हर तरफ अफरा-तफरी मची रही।कोलम्बो में ट्रैफिक सिग्नल्स काम नही कर रहे थे जिससे ट्रैफिक को नियंत्रित करने में पुलिस को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बिजली की आपूर्ति न होने से पानी सप्लाई पर भी काफ़ी असर पड़ा। हालांकि अस्पताल व दूसरी बेहद जरूरी जगहों पर पावर-बैक आप की सुविधा रही। ज़्यादातर जगहों पर लोगों ने जेनरेटर से अपने काम निपटाए।
वहीं कोरोना वायरस की महामारी के कारण हवाई अड्डा पहले से ही बंद हैं। श्रीलंका अपनी कुल बिजली की मांग की आधे से अधिक आपूर्ति थर्मल पावर के ज़रिए पूरा करता है।
केरावलपीटिया स्थित बिजली ऊर्जा सयंत्र की क्षमता 300 मेगावॉट की है जिससे देश की 12 फ़ीसदी ऊर्जी की आपूर्ति होती है।