शहीद मदन लाल ढींगरा के बलिदान दिवस पर दी श्रद्धांजलि

मदन लाल ढींगरा 25 वर्ष की उम्र में हुए थे शहीद

फतह सिंह उजाला
पटौदी /
 गुरुग्राम।  क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा के बलिदान दिवस पर सोमवार को सेक्टर-10 में उन्हें श्रद्धांजलि दी गर्इं। यहां शहीद मदन लाल ढींगरा प्रवेश द्वार के पास श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम आायोजित किया गया। 

इस मौके पर समाजसेवी एमआर लारोइया ने बताया कि अमृतसर के एक भरे-पूरे परिवार में होने के बावजूद इनमें देश भक्ति की भावना जागृत हुई। इंग्लैंड में पढ़ाई के दौरान वीर सावरकर जी से प्रभावित होकर उनमें क्रांति की चिंगारी जगी। वे भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी थे। भारतीय स्वतंत्रता की चिंगारी को अग्नि में बदलने का श्रेय महान शहीद मदन लाल धींगरा को ही जाता है। भले ही मदन लाल ढींगरा के परिवार में राष्ट्रभक्ति की कोई ऐसी परंपरा नहीं थी, किंतु वह खुद से ही देश भक्ति के रंग में रंगे गए थे। वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थे, जहां उन्होंने विलियम हट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी। कर्जन वायली की हत्या के आरोप में उन पर 22 जुलाई 1909 का अभियोग चलाया गया। मदन लाल ढींगरा ने अदालत में खुले शब्दों में कहा कि-मुझे गर्व है कि मैं अपना जीवन समर्पित कर रहा हूं। यह घटना बीसवीं शताब्दी में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की कुछेक प्रथम घटनाओं में से एक है। 

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य तौर पर भाजपा महामंत्री ललित कुमार शमी, गोबिन्द चांदना, डॉक्टर गुरबख्श मल्होत्रा, केएस चुघ, मनीष कोछड, महेंद्र अरोड़ा, श्रीमहलवाल, आरडब्ल्यूए प्रधान कमांडर उदयवीर सिंह, ताराचंद, कमांडर लाल चन्द यादव, कैप्टन किशन लाल यादव, रामपाल यादव, सतीश कायल, यशपाल ग्रोवर, पार्षद अश्वनी शर्मा, यशपाल अदलखा एवं उनकी पत्नी, सुरेन्द्र आलूवालिया, आरडब्ल्यूए पूर्व अध्यक्ष शिवचरण गुप्ता, अशोक विज आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
 



           

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