बिना किसी नोटिस के दलित मोहल्ले में की गई तोड़फोड़

न किसी कोर्ट के आदेश न किसी अधिकारी के आदेश दिखाएं

पिछड़ो, दलितों के तोड़ दिए पेयजल और सीवरेज के कनेक्शन

अब पीने के पानी और शौच निवृत्ति की समस्या हो गई गंभीर

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 पटौदी हलके के हेली मंडी नगर पालिका क्षेत्र में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है, कि हरियाणा में भाजपा का राज है या फिर जंगलराज है ? इस जंगलराज पर अपनी मुहर हेली मंडी नगरपालिका के जेई में लगाकर साबित कर दिया कि वास्तव में भाजपा का नहीं जंगलराज है और इस जंगलराज के सरताज स्वयं हेली मंडी नगरपालिका के जेई मनोज कुमार ही हैं ।

शुक्रवार देर से सायं पालिका के जेई मनोज कुमार की दबंगई देखने को मिली । हेली मंडी नगरपालिका के ही वार्ड 2 और 3 में दलित बस्ती और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के बिना किसी नोटिस दिए मकानों के साथ बने पक्के निर्माण, शौचालय, पेयजल के कनेक्शन, सीवरेज के कनेक्शन तोड़ दिए गए। यह सब तोड़फोड़ गली के पुनर्निर्माण का हवाला देकर की गई । दलित बस्ती के ही रहने वाले और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने बार-बार विरोध किया कि एकदम तोड़फोड़ करने से पहले नोटिस दिए जाने चाहिए थे । इस बात का जेई कोई जवाब नहीं दे सके । जेई मनोज कुमार के नेतृत्व में जेसीबी के द्वारा इतनी तेजी से तोड़फोड़ की गई की लगभग 1 सौ से अधिक घरों, आवास वाली इस गली में हालात यह दिखाई दिए कि जैसे भूकंप के बाद की तबाही दिखाई देती है ।

जब लोगों का विरोध बढ़ा तो जेई मनोज कुमार व साथ में अन्य कारिंदे तथा जेसीबी चालक मौके की नजाकत को देखते हुए गायब हो गए । इसके बाद जब गुस्साए लोग हेली मंडी पालिका कार्यालय में पहुंचे तो पालिका कार्यालय में भी कोई जिम्मेदार और जवाबदेय अधिकारी नहीं मिला । स्थानीय निवासियों का और महिलाओं का आरोप है कि पालिका कार्यालय बंद होने से एक घंटा पहले ही तोड़फोड़ करने वाले अधिकारी गायब हो चुके थे । इसी बीच जब स्थानीय निवासी अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पालिका कार्यालय जा रहे थे तो कथित रूप से पुलिस बल ने भी बीच रास्ते में ही यह कहते हुए रोक दिया कि 50 से अधिक आदमी एक स्थान पर एकत्रित नहीं हो सकते, भीड़ में से लोगों ने सवाल दागा कि जब सरकार ने बस में 55 सवारी बैठने की मंजूरी दे दी है तो 50 आदमी क्यों नहीं जा सकते ? जब नुकसान 100 से अधिक घरों में हुआ है तो हर घर से कम से कम एक आदमी अथवा पीड़ित अपनी बात कहने के लिए संबंधित कार्यालय या फिर संबंधित अधिकारी के पास तो जाएगा ।

स्थानीय लोगों के सामने अब पीने के पानी के साथ-साथ शाौच निवृत्ति के लिए गंभीर समस्या खड़ी हो गई है । यह तोड़फोड़ शुक्रवार सायं के समय की गई , इसके बाद इस पूरी दलित बस्ती के लोग पीने के पानी के लिए तरस गए। रही बात अब शनिवार और रविवार की तो दोनों दिन अवकाश है । ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि पीने के पानी और शौच निवृत्ति यह हर इंसान का मूलभूत अधिकार है, यह अधिकार छीनने का हेलीमंडी पालिका के जेई मनोज कुमार को किसने अधिकार दिया ? क्या मनोज कुमार जेई के द्वारा पानी के कनेक्शन और सीवरेज के कनेक्शन के साथ साथ जो भी तोड़फोड़ की गई उसके लिए पटौदी की एसडीएम कोर्ट, देश की किसी सिविल कोर्ट या गुरूग्राम सहित चंडीगढ़ के किसी भी सक्षम अधिकारी के द्वारा लिखित में आदेश पारित किए गए की मनोज कुमार जी को पेयजल कनेक्शन, सीवरेज के कनेक्शन व अन्य तोड़फोड़ बिना नोटिस दिए किए जाने के लिए अधिकृत किया गया है ।

इस संदर्भ में जब हेली मंडी पालिका के सचिव संजय रोहिला से बात की गई तो उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि ऐसा कोई भी मामला उनके संज्ञान में नहीं है , वह विभागीय काम से चंडीगढ़ गए हुए हैं । इसी मामले को लेकर बार-बार हेली मंडी नगरपालिका के जेई मनोज कुमार से जानना चाहा कि क्या उन्होंने जो तोड़फोड़ की, पेयजल कनेक्शन तोड़े, सीवरेज के कनेक्शन तोड़े और सीवरेज हाॅल  तोड़ दिए,  उसके लिए क्या किसी कोर्ट के द्वारा आदेश , पालिका प्रशासन को या व्यक्तिगत रूप से उन्हें दिए गए हैं? तो जेई मनोज कुमार की तरफ से भी कोई जवाब नहीं दिया गया है । अब ऐसे में सवाल यही है की ऐसी क्या दबंगई कि हेली मंडी पालिका जेई मनोज कुमार की, कि उन्होंने आम लोगों के मूल भूत अधिकारों का किस अधिकार के साथ हनन किया है ? स्थानीय निवासियों ने जिला उपायुक्त, गृह मंत्री अनिल विज, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश चरावता से पुरजोर मांग की है कि जो भी कुछ नुकसान हुआ है उसकी भरपाई व्यक्तिगत रूप से हेली मंडी पालिका के जेई मनोज कुमार से ही करवाई जाए। इसके साथ ही अविलंब आम लोगों के मूलभूत अधिकारों का हनन करने के मामले में जई मनोज कुमार के खिलाफ अपराधिक मामला भी दर्ज करवाया जाए। और ऐसे अधिकारी का अभिलंब तबादला किया जाए जो कि सरकार की छवि को खराब करते हुए केवल और केवल अपनी दबंगई ही चला रहा है।


पेयजल और  शौच  निवृत्ति की समस्या
बिना किसी नोटिस और सक्षम अधिकारी अथवा किसी कोर्ट के आदेश के बिना की गई तोड़फोड़ का खामियाजा दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय की बस्ती के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शुक्रवार सायं और शनिवार सुबह भी पानी की आपूर्ति नहीं होने से गर्मी और उमस के मौसम में लोगों की दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित रही । इतना ही नहीं घरों से शौचालय के सीवरेज में कनेक्ट पाइपलाइन भी अपनी मनमानी से तोड़ दिए जाने के बाद सोच निवृत्ति की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा । विशेष रुप से युवतियां , महिलाएं और बुजुर्ग बेहद परेशान रहे। आसपास खुले में शौच निवृत्ति के लिए जाने पर वहां के रहने वाले लोगों ने अपने आसपास के खुले इलाके में जाने ही नहीं दिया। सवाल फिर वही है कि किस कानून के तहत आम लोगों के पीने के पानी की आपूर्ति और उनकी सोच निवृत्ति की मूलभूत स्वतंत्रता को इस कोर्ट के आदेश से रोका गया।


तोड़फोड़ से मकानों में पड़ी दरार
हेली मंडी पालिका के जेई मनोज कुमार के द्वारा जेसीबी लेकर दल-बल के साथ की गई कथित गैर कानूनी तोड़फोड़ का खामियाजा लोगों को इस प्रकार से भुगतना पड़ा है कि जहां-जहां भी पीला पंजा चला वहां कई मकान ऐसे हैं जो कि वर्षो पुराने हैं और ऐसे मकानों की दीवारों में दरारें आ गई हैं अथवा मकान तड़क गए हैं । सवाल यही है कि बिना किसी कोर्ट के आदेश और सक्षम अधिकारी के आदेश के बिना की गई तोड़फोड़ से मकानों में हुए नुकसान की भरपाई क्या सरकार और स्थानीय प्रशासन इस काम के लिए जिम्मेदार अधिकारी यही मनोज कुमार से व्यक्तिगत रूप से करवा सकेगा । स्थानीय निवासी कुंदन, सुंदर, गंगादेवी, शारदा देवी, बीना देवी, समय सिंह सहित लोगों ने मांग की है कि बिना किसी सक्षम अधिकारी के द्वारा गली की चैड़ाई की पैमाइश के बिना ही यहां जेसीबी का आतंक मचाया गया।


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