मांगों को लेकर नागरिक अस्पताल में किया विरोध प्रदर्शन

लगाये गए नारे अभी तो ली अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 शनिवार को पटौदी सहित जिला राज्य और देश भर में 74 वा स्वतंत्र दिवस धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया । लेकिन बीते काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर सरकार की हर चैखट खटखटा चुकी आशा वर्कर एक बार फिर से गरजी और साफ-साफ बोली कि तख्त बदल दो ताज बदल दो-बेईमानों का सरकार बदल दो । कुछ इसी प्रकार के नारे लगाते हुए दोनों हाथों की मुठ्ठिया बंद कर आसमान की तरफ लहराते हुए सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स के द्वारा पटौदी के नागरिक अस्पताल परिसर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया । यह विरोध प्रदर्शन आशा वर्कर्स संगठन की प्रधान रानी के नेतृत्व में किया गया ।


इससे पहले आशा वर्कर्स को संबोधित करते हुए संगठन की प्रधान रानी ने कहा कि हम आशा थी, आशा हैं, और आशा ही रहेंगी । लेकिन सरकार को भी हमारी आशाओं को निराश नहीं करना चाहिए। हम सभी बीते लंबे समय से अपनी मांगों के लिए निरंतर संघर्ष करते हुए सरकार को बार-बार ज्ञापन सौंप चुके हैं। लेकिन सरकार हमारी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है । शनिवार को विरोध प्रदर्शन पटौदी के नागरिक अस्पताल परिसर से ही आरंभ हुआ और तमाम आशा वर्कर्स के द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में तथा सरकार के विरोध में गगनभेदी नारे लगाए गए । इस दौरान आशा वर्कर्स में विरोध प्रदर्शन करते हुए पूरे अस्पताल परिसर का चक्कर भी लगाया । आशा वर्कर्स ने हाथों में अपने संगठन का बैनर लेकर गगन भेदी नारे- आवाज दो हम एक हैं-आवाज दो हम एक हैं, हम अपना अधिकार मांगते-नहीं किसी से भीख मांगते , खट्टर सरकार मुर्दाबाद-खट्टर सरकार मुर्दाबाद, अभी तो ली अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है , जैसे गगनभेदी नारे लगाए ।

इसी मौके पर आशा वर्कर्स को संबोधित करते हुए संगठन की प्रधान रानी ने साफ-साफ कहा कि सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि पूरे स्वास्थ्य विभाग में आज के समय कोरोनाकाल के दौरान आशा वर्कर ही स्वास्थ्य विभाग की सबसे मजबूत कड़ी और रीढ़ है । यदि किसी भी कारण से यह कड़ी टूट गई अथवा रीढ़ टूट गई तो इस बात की तरफ भी ध्यान देना होगा कहीं ऐसा ना हो कि स्वास्थ्य विभाग की पूरी कड़ी ही बिखर जाए ? उन्होंने कहा कि हम सरकार से केवल मात्र, सरकार के द्वारा की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए ही मांग कर रहे हैं। आशा वर्कर्स के द्वारा कोरोना कोविड-19 महामारी के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग से संबंधित तमाम प्रकार के कार्य करते हुए आंकड़े एकत्रित करके सरकार को उपलब्ध करवाए गए। इस कार्य में आशा वर्कर्स के द्वारा अपनी जान की परवाह भी नहीं की गई और ऐसे ऐसे संक्रमित इलाकों में आशा वर्कर्स ने काम किया जहां जाने से बहुत से लोगों को अधिकारियों को भी हिम्मत नहीं हो पा रही थी । आशा वर्कर्स ने मांग करते हुए कहा कि सभी आशा वर्कर को पक्का कर्मचारी घोषित किया जाए, सरकार के द्वारा न्यूनतम वेतनमान उपलब्ध करवाया जाए, ईएसआई और पीएफ की सुविधा भी दी जाए। आशा वर्कर्स ने साफ-साफ दो टूक शब्दों में कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती हमारा विरोध प्रदर्शन इसी प्रकार से जारी रहेगा और यथा संभव अथवा जरूरी हुआ तो हड़ताल और भी अधिक लंबे समय तक खींच सकती है ।

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