शहीद स्मारक पर अर्पित की शहीदों को पुष्पांजलि

शहीदों के सम्मान में रखा मोन और दी सलामी

फतह सिंह उजाला
पटौदी। 
  देश की सीमा की रक्षा के साथ-साथ बाढ़, सूखा , भूकंप व अन्य किसी भी प्रकार की भयंकर आपदा के समय फौजी ही अंतिम समय में मौका संभालते आ रहे हैं । खासतौर से रेतीले और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ दुश्मन देश के सैनिकों की दुस्साहस की हरकतों सहित आतंकी घुसपैठियों को रोकना और ठोकना जांबाज सैनिकों के जिम्मे ही रहता है और ऐसे अभियान में दुश्मन को सबक सिखाते हुए अपनी जान पर खेलने से भी जाबाज सैनिक कतई नहीं ठिठकते और झिझकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सभी ज्ञात-अज्ञात शहीद सैनिकों को याद कर पटौदी इलाके के पूर्व सैनिक भी भावुक हो गए। अपने शहीद और जाबाज सैनिक साथियों को याद करते हुए भूतपूर्व सैनिक संघ और टेसवा के साथ-साथ सरपंच एकता मंच के द्वारा शहीद स्मारक पर शहीद सैनिकों के सम्मान में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए सलामी दी गई । इसके साथ ही 2 मिनट का मौन भी रखा गया ।

इस मौके पर कर्नल रोशन पाल , कैप्टन कवर सिंह , कैप्टन कर्मसिंह,  कैप्टन विजेंद्र सिंह, फुली ऑफिसर सुखबीर , कैप्टन राजवीर , सूबेदार मेजर ओम प्रकाश, सीपीओ जितेंद्र चैहान , सूबेदार जसराज, हवलदार रणवीर सिंह , वेद प्रकाश, सार्जेंट आर एस यादव, कैप्टन बलबीर सिंह, अनिल भदौरिया, लक्ष्मी नारायण, हवलदार वेद प्रकाश , सूबेदार राजेंद्र, हवलदार जय सिंह , जागीर खान, सूबेदार जीपी शर्मा सैनिक बोर्ड गुरुग्राम, हवलदार बुधराम , सूबेदार महेंद्र पाल सहित अन्य पूर्व सैनिकों ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूर्व  शहीद सैनिकों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए तिरंगे की शान में जय कारे भी लगाए।

इस मौके पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि देश की सीमा पर कैसे भी हालात रहे, सैनिक कभी भी अपने दायित्व से पीछे नहीं हटते हैं । सैनिक का जीवन बेहद अनुशासित और राष्ट्र को समर्पित ही रहता है। सेना में काम करते हुए भी और सेना से निवृत्त होने के बाद भी सैनिक देश और समाज के लिए ही काम करते आ रहे हैं । इस मौके पर यह भी कहा गया कि आज के समय में जरूरत है कि युवा वर्ग अधिक से अधिक सेना, वायु सेना, जल सेना में अपनी योग्यता के मुताबिक भर्ती होकर देश की सेवा कर सकते हैं। सरपंच एकता मंच के जिलाध्यक्ष अजित सिंह ने कहा कि, भारत देश की एकता और अखंडता के लिए जय जवान और जय किसान एक मिसाल बने हुए है। आज भी देहात के साथ ही किसान परिवारों के युवा ही सबसे अधिक सेना के साथ-साथ विभिन्न सुरक्षाबलों में  ही नौकरी करना पसंद कर रहे है। इसी मौके पर शहीद स्मारक पर नन्ही बच्चियों के द्वारा बनाई गई सुंदर रंगोली और फूल पत्तियों से लिखे गए स्वतंत्रा दिवस की नयनाभिराम कृति से प्रसन्न होकर पूर्व सैनिकों के द्वारा नन्ही बच्चियों को नगद पुरस्कार भी देकर उनकी हौसला अफजाई की गई।

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