प्रधानमंत्री ने 19 सितंबर को होने वाले आम चुनावों की तारीख़ को बदल कर 17 अक्टूबर करने का फैसला लिया है।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
न्यूज़ीलैण्ड में एक बार फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के कारण प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्ड्र्न ने आम चुनावों को एक महीने के लिए टालने का फैसला किया है। न्यूज़ीलैण्ड में 100 दिनों से कोई कोरोना संक्रमण न होने के चलते खुद को कोरोना मुक्त घोषित किया था। लेकिन तीन दिन पहले ऑकलैंड में 49 लोगों के कोरोना संक्रमित होने पर इलाके में एहतियातन कड़ा लॉकडाउन लगा दिया है।

4 हफ़्ते बाद चुनावों को तारीख़ तय की गई है।

जेसिंडा अर्ड्र्न ने अगले महीने 19 सितंबर को होने वाले आम चुनावों को 4 हफ़्ते के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। आम चुनावों की तारीख़ 19 सितंबर से आगे 17 अक्टूबर कर दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सब के बीच सबसे बड़ी चुनौती 25 हज़ार चुनावकर्मियों को संक्रमण से बचाना है। अर्ड्र्न ने कहा कि चुनाव टालने के फ़ैसले को लेते समय उन्होंने वोटरों की भागीदारी व पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा है। जेसिंडा अर्ड्र्न ने आगे कहा कि चुनावों को और आगे नही टाला जाएगा। 

प्रधानमंत्री ने कहा,"कोविड अब कुछ और समय के लिए हमारे साथ रहेगा। चुनावों को आगे बढ़ाते रहने से कोविड के दखल का ख़तरा कम नहीं होगा और इसी वजह से चुनाव आयोग ने ऐसी तैयारियां की हैं कि यदि देश में कोरोना महामारी लेवल दो या कुछ हद तक लेवल तीन तक भी पहुंचती है तब भी मतदान करा लिया जाएगा।"

अर्ड्र्न ने कहा कि इसमें कोई और बदलाव करने का उनका कोई इरादा नहीं है। सोमवार को स्थानीय शोध के आंकड़ों के मुताबिक न्यूज़ीलैण्ड में 60 फ़ीसदी लोगों को लगता था  की 19 सितंबर को चुनाव नही हो पाएंगे। संसद अब छह सितंबर को भंग हो जाएगी। रविवार तक न्यूज़ीलैंड में कोरोना संक्रमण के 69 एक्टिव मामले थे जिसमे से 49 मामले ऑकलैंड में सामने आए हैं। न्यूज़ीलैण्ड में कोरोना महामारी के बाद अबतक 1600 संक्रमण के मामले सामने आए हैं व 22 लोगों की संक्रमण से मौत दर्ज़ की गई है।

सख़्ती से लागू किया गया लॉकडाउन।

ऑकलैंड में कोरोना संक्रमण के नए मामले मिलने के बाद पूरे देश में सख़्ती से लॉकडाउन लगाया गया है। कांटेक्ट ट्रेसिंग के जरिये तेज़ी से लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं। ऑकलैंड को लेवल 3 के अलर्ट पर रखा गया है व बाक़ी देश में लेवल 2 पर रखा गया है। बॉर्डर को सील कर दिया गया है व विदेश से आने वाले लोगों को सख़्त क्वारंटाइन पर रखा जा रहा है। ट्रेसड एंड टेस्ट की नीति अपनाई जा रही है।

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