डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा हम टिकटोक को बैन करने जा रहे हैं।

मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
कोरोना वायरस व चीन की आक्रमकता के चलते दुनियाभर में चीन के रिश्ते खराब होते जा रहे हैं। इस कड़ी में चीन से सबसे ज्यादा नाराज़ अमेरिका है। आर्थिक युद्ध से शुरू हुई अमेरिका व चीन की लड़ाई अब एप्स को बैन करने तक पहुंच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प लगातार चीन पर तल्ख़ टिप्पणियां कर रहे हैं। हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद डब्ल्यूएचओ पर चीन के दवाब में कोई ठोस कदम न उठाने का आरोप लगाकर डब्ल्यूएचओ से अमेरिका का नाता तोड़ लिया था। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने चीनी एप्प टिकटोक को भी बैन करने का फैसला किया है।

 ट्रम्प ने फ़्लोरिडा की यात्रा से लौटते वक़्त अपने विमान "एयर फोर्स वन" पर पत्रकारों से कहा कि "जहां तक टिकटोक की प्रश्न है, हम उन्हें अमेरिका में बैन करने जा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि वे इसके लिए आपातकाल आर्थिक अधिकार या एग्जेक्युटिव का इस्तेमाल कर सकते हैं।
 
ट्रम्प ने शुक्रवार को कहा, मेरे पास इसके अधिकार हैं, "मैं इसपर कल(शनिवार) को दस्तख़त करने जा रहा हूं।"

निज़ी डेटा लीक होने की आशंका जताई।

अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया की टिकटोक पर लोगों की निज़ी जानकारी लीक करने की आशंका है।
इससे पहले भारत ने भी टिकटोक समेत 59 एप्प को बैन किया था। जिसमे भारतीय सरकार ने टिकटोक पर यूजर्स का डेटा दूसरे देश में मौजूदा सर्वर में चले जाने की आशंका के चलते ये कदम उठाया था।

क्या है टिकटोक।

टिकटोक एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म है जिसपर यूजर्स अपनी वीडियो डालकर लोगों तक शेयर कर सकते हैं। टिकटोक ने गूगल प्लेस्टोर पर अपना परिचय "शार्ट विडियो तो यू" लिखकर दिया हुआ है। टिकटोक पर वीडियो वायरल होने पर आप रातों रात सेलेब्रिटी बन सकते हैं। 

'बाइट डान्स' टिकटोक के स्वामित्व वाली कंपनी है जिसने चीन में सितंबर, 2016 में 'टिकटोक' लॉन्च किया था। साल 2018 में 'टिकटोक' की लोकप्रियता बहुत तेज़ी से बढ़ी और अक्टूबर 2018 में ये अमरीका में सबसे ज़्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप बन गया। अमेरिका में टिकटोक के क़रीब 8 करोड़ यूजर्स हैं।

लगातार विवादों में है चीन।

चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस से विश्वभर के देश शिकार हैं। यूरोप व अमेरिका में वायरस से सबसे ज़्यादा लोंगो की मौत हुई हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर वायरस की जानकारी छुपाने का आरोप लगाते हुए इसे 'चीनी वायरस' कहा था। लेकिन चीन ने आक्रमक रुख अपनाया हुआ है। दक्षिण चीन सागर में अमेरिका व जापान से खींचतान, हॉन्गकॉन्ग में नया सुरक्षा कानून, भारत-चीन सीमा विवाद, एशिया पैसिफिक में ऑस्ट्रेलिया से विवाद, छोटे देशों को ज़रूरत से ज्यादा कर्ज़ डरकर अप्रत्यक्ष उपनिवेश को बढ़ावा देंना जैसे कदमों से चीन दुनियाभर के प्रमुख देशों से भिड़ रहा है। 


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