ज्योति जांगड़ा, हिसार 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में एमफिल, एमटेक, पीएचडी शोध अब डिजिटली जमा किए जा सकेंगे। जेएनयू के प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि इस प्रस्ताव को विश्वविद्यालय की 286 की कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि जेएनयू देश का पहला विश्वविद्यालय है जो डॉक्टरेट की शोध को डिजिटल जमा करवाने की मंजूरी दे रहा है। शोध प्रबंधों और शोधपत्रों को ऑनलाइन जमा करने की प्रक्रिया में छात्र द्वारा "कोई बकाया निकासी" फ़ॉर्म जमा करना शामिल नहीं है। सभी आधिकारिक आवश्यकताओं जैसे कि प्लेगेरिज्म और थीसिस की जांच और प्रासंगिक शुल्क का भुगतान डिजिटल मोड के माध्यम से किया जाएगा। यह शोध प्रबंधों और शोधपत्रों को प्रस्तुत करने में सामयिक, परेशानी मुक्त और सुविधाजनक प्रक्रिया की सुविधा प्रदान करेगा।

ऑनलाइन थीसिस ट्रैकिंग सिस्टम शुरू

जेएनयू में एक ऑनलाइन थीसिस ट्रैकिंग सिस्टम चालू हो गया है। तथा ऑनलाइन मोड के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान 150 से अधिक वाइवा वॉइस परीक्षण किए गए हैं। जेएनयू के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने कहा, “पिछले चार वर्षों के दौरान, जेएनयू ने डिजिटल तकनीकों को अपनाकर विश्वविद्यालय में कई प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है। विश्वविद्यालय ऐसे कई और सुधारों की राह पर है।"

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