मनीषबलवान सिंह जांगड़ा, हिसार
केंद्र सरकार ने नागालैंड को अगले छह महीने के लिए यानि दिसम्बर तक अशांत क्षेत्र की श्रेणी में रखने का फ़ैसला किया है।
गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा की केंद्र सरकार ने अपनी राय में कहा है की नागालैंड की परिस्थितियां खतरनाक हैं इनसे निपटने और आम जन मानस की सुरक्षा के लिए सहस्र बलों की मदद लेनी जरूरी है।
गृह मंत्रालय ने कहा, इन हालातों से निपटने के लिए सहस्त्रबल (विशेष शक्तियां) 1958, (अफस्पा) की धारा तीन द्वारा प्रदान की गयी शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि 30 जून, 2020 से अगले छह महीनों तक नागालैंड को अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है।
नागालैंड में छह दशकों से अफस्पा लागू है।
छह दशकों से नागालैंड में अफस्पा( आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट) लागू है। 3 अगस्त 2015 को नागा विद्रोही ग्रुप नेशनल सोशलिस्ट कॉउन्सिल ऑफ नागालैंड(आईएम) की तरफ़ से जनरल सेक्रेटरी थुईगालेंग मुइवा और केंद्र सरकार की तरफ से वर्तालापी आर एन रवि के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समझौता हुआ था लेकिन इसके बाद भी अफस्पा नही हटाया गया है।
क्या है अफस्पा( आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट)
नागालैंड में 1960 के दशक में उग्रवादी घटनाएं चरम पर थी ऐसे में कानून व्यवस्था राज्य सरकार के हाथ से जा रही थी। इससे निपटने के लिए भारतीय संसद द्वारा 11 सिंतबर 1958 को सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम(अफस्पा) पारित किया गया। इस कानून के तहत मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड के अशांत क्षेत्रों में सैन्य बलों को विशेष अधिकार दिए गए। इस कानून के तहत सैन्य बलों को बिना किसी वारेंट के तलाशी लेने, गिरफ़्तार करने व जरूरी होने पर गोली चलाने जैसे विशेष अधिकार होते हैं।