सावन माह के दौरानं देशभर से पहुंचते हैं अनेकानेक श्रद्धालु

कोरोना कोविड-19 के चलते प्रशासन के द्वारा की गई सख्ती

फतह सिंह उजाला
पटौदी ।
 दक्षिणी हरियाणा में अनेक पौराणिक महत्व के प्राचीन शिव मंदिर, मेवात से लेकर बागाते तक चमत्कारी शिव मंदिर है।  इनमें पौराणिक महत्व के स्वयंभू शिवलिंग स्थापित हैं। कोविड-19 को देखते हुए लोक डाउन के बाद धीरे-धीरे हुए अनलॉक के बावजूद सरकार के द्वारा मंदिरों को खोलने की अभी तक इजाजत नहीं दी गई है । यही मुख्य कारण रहा है कि करीब 625 वर्ष के इतिहास में पहली बार पटौदी हल्के का पौराणिक महत्व का इच्छापुरी शिव मंदिर और यहां स्थापित स्वयंभू भगवान भोलेनाथ भी लॉक कर दिए गए हैं । यह फैसला सोमवार को स्थानीय प्रशासन के द्वारा लिया गया और फैसले के बाद मंदिर में कोई भी प्रवेश ना कर सके इसकी व्यवस्था करते हुए ताला लगा दिया गया । कथित रूप् से पास के गांव के कोविड पाॅजिटिव यहां स्वस्थ होने की मन्नत मांगने सहित जलाभिषेक के लिए पहुंच गए, जिसे कि पहचान लिया गया।
इसके साथ ही पुलिस की भी व्यवस्था की गई है, कि कोई भी मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी प्रकार से प्रवेश नहीं कर सके । इतना ही नहीं मंदिर परिसर में आवागमन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है । गुरूग्राम, पटौदी, रेवाड़ी सड़क मार्ग तथा रेवाड़ी-दिल्ली रेल मार्ग के मध्य में पटौदी क्षेत्र के गांव इंछापुरी मे ंकरीब  625 वर्ष पुराना चमत्कारी स्वयंभू स्थापित शिवलिंग मौजूद है । दंतकथा और बुजुर्गों के मुताबिक यहां हल चलाते हुए हल का फल रुक गया था । इसके बाद जब जमीन की खुदाई की गई तो वहां शिवलिंग मिला । पास के ही गांव के रहने वाले एक प्रकांड विद्वान को बुलाया गया, कि इस शिवलिंग को अन्यत्र स्थापित कर दिया जाए । बताया जाता है कि उस समय शिवलिंग को जमीन से निकालने के सारे प्रयास विफल रहे, जितना जमीन को खोदा गया चमत्कारी शिवलिंग उतना ही नीचे बैठता चला गया । इसके बाद से शिवलिंग को छेड़ा नहीं गया और जहां यह चमत्कारिक रूप से प्रकट हुआ था वहीं पर ही समय बीतने के साथ-साथ आज भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है । इस इच्छापुरी शिव मंदिर के साथ में अनेक चमत्कारिक घटनाएं लोगों के द्वारा बताई जाती हैं ।
हाल फिलहाल कोरोना कोविड-19 को देखते हुए शिव मंदिर धर्मार्थ दानार्थ ट्रस्ट इच्छापुरी संचालन कमेटी के द्वारा सावन माह के आरंभ होने के साथ ही स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया गया कि यहां आने वाले अनेकानेक श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए उचित व्यवस्था सहित प्रबंध किए जाएं।  लेकिन प्रशासन की तरफ से जवाब मिला कि सरकार के द्वारा मंदिरों को खोलने की अभी इजाजत नहीं दी गई है। इन हालात में इच्छापूरी के चमत्कारी शिव मंदिर सहित साथ वाले हनुमान मंदिर में भी सभी श्रद्धालुओं के आवागमन पर प्रतिबंध तुरंत प्रभाव से लगा दिया गया है ।

हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास का भी यही कहना है कि श्रद्धा और विश्वास से आने वाले श्रद्धालु बारंबार आग्रह करने के बावजूद भी सरकार के द्वारा निर्देशित सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं कर पा रहे थे। वही शिव मंदिर प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष रमेश गर्ग सेठी के मुताबिक इस चमत्कारी शिव मंदिर के प्रति लोगों की आस्था को देखते हुए प्रबंधन कमेटी के लिए भी चुनौती और समस्या बनी हुई थी कि किस प्रकार से सोशल डिस्टेंस को बना करके रखा जाए । वर्ष में दो शिवरात्रि के मौके पर यहां मेला भरता है और देशभर के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर और मन्नत मांगने के लिए विशेष रुप से शिवरात्रि पर्व पर पहुंचते हैं । सावन माह के दौरान तो प्रतिदिन ही यहां दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से भी श्रद्धालुओं का आवागमन लगा रहता है। ऐसे में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ को किसी भी दृष्टिकोण से नियंत्रित करना और सोशल डिस्टेंस बना के रखना संभव ही दिखाई नहीं दे रहा था । यही मुख्य कारण रहा कि प्रशासन को भी कठोर और सख्त फैसला लेते हुए बिना देरी किए शिव मंदिर के मुख्य गर्भ गृह क्षेत्र को पूरी तरह से एक प्रकार से सील करना पड़ गया। अब यहां स्वयंभू स्थापित शिवलिंग पर किसी भी श्रद्धालु के लिए जलाभिषेक करना संभव नहीं रहेगा ।

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