मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चौधरी ने किया प्रोत्साहित
ग्रामीण क्षेत्रों में बालिका शिक्षा की अलख जगाने के लिये
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ग्रहण करना आवश्यक है।
फतह सिंह उजाला
गुरुग्राम। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, विशेषकर कन्याओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति जागरूकता लाने के लिए और बच्चो को शिक्षा की ओर ले जाने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक वेबीनार का आयोजन अंसल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ के सहयोग से किया। इसमें लगभग 100 से 150 बालिकाओं ने भाग लिया और अपने शिक्षा से जुड़े संशय दूर किए। कार्यक्रम में बतौर प्रवक्ता जिला विधिक सेवाए प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी ने बालिकाओं को शिक्षा के प्रति जानकारी देते हुए कहा कि सभी बच्चों का स्कूल में जाना अनिवार्य है और एक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को ग्रहण करना आवश्यक है।
श्री चौधरी ने बताया की शिक्षा प्राप्त करना सभी का अधिकार है । इस अधिकार को उनसे कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति रोके जाने पर उस व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसमें सजा का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि समाज की मानसिकता बदलना आवश्यक है और समाज की हर लड़की और लड़के, दोनों को शिक्षा में बराबर का हक है। समाज के हर व्यक्ति को शिक्षा के प्रति जागरूक होना आवश्यक है और सभी का शिक्षित होना भी, क्योंकि शिक्षित समाज ही विकास की ओर रखा जाने वाला पहला कदम है। लाइव वेबीनार में मौजूद जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन ने बच्चों को बताया कि कैसे आज किसी भी समय शिक्षा प्राप्त की जा सकती है जिससे कि बच्चो की शिक्षा पर कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इसके चलते आज बच्चे लैपटॉप , मोबाइल या सिटी केबल के माध्यम से टीवी पर कहीं भी और कभी भी ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आज ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षा का रूप बदल रहा है तथा इसमें सकारात्मक बदलाव देखे जा रहे हैं। सभी स्कूलों में एक नियमित ढंग से बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, साथ ही कमजोर बच्चो पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर कार्य किया गया है। बच्चों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की बात हो या मिड डे मील की, शिक्षा विभाग द्वारा सभी पहलुओं का ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य रूप से बालिकाओं को शिक्षा के प्रति उन्मुख करने के लिए अलग अलग किश्म के जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं , जिससे कि गांव वालो को शिक्षा के महत्व के बारे में बताया जाता है। उन्हें यह समझाया जाता है कि वे अपने बच्चो को शिक्षित अवश्य बनाएं और उन्हें स्कूलों में भेजे। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को शिक्षा मिले और वह शिक्षित होते हुए समाज के हर व्यक्ति को शिक्षा की ओर बढ़ाएं, यही हमारा प्रयास है। वेबीनार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रदीप चैधरी के साथ, जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन , प्रोफेसर एवं एसोसिएट डीन , स्कूल आफ लॉ अंसल विश्वविद्यालय भी उपस्थित रहे। वेबिनार का संचालन लॉ स्टूडेंट धारणा सहगल और हर्षवर्धन अग्रवाल ने किया।