आईजीयू में चल रही सात दिवसीय कार्यशाला का समापन

रेवाड़ी,
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर में आंकड़ों के विश्लेषण पर गत 8 जून से चल रही सात दिवसीय कार्यशाला का रविवार को समापन हो गया। इसमें देशभर के लगभग 300 शोधार्थियों ने भाग लिया। सभी शोधार्थियों को ऑनलाइन माध्यमों से आंकड़ों का विश्लेषण करने की विभिन्न विधियों और अनुसंधान कार्य में उनके अनुप्रयोग करने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसके गक्खड़ ने की।

कुलपति प्रो. गक्खड़ ने इस कार्यशाला के आयोजन में लगी पूरी टीम के प्रयास सराहते हुए कहा कि आज के समय में डेटा की सर्वाधिक उपयोगिता है और यह आज के वक्त का खरा सोना है। बीकानेर टेक्निकल यूनिवर्सिटी, राजस्थान के कुलपति प्रोफेसर एचडी चारण इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में इस बात पर जोर दिया कि आज के वक्त में शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों को जोड़ा जाना अत्यंत आवश्यक है। बिना मानवीय मूल्यों के शिक्षा निराधार होती है।

यह केवल मनुष्य को एक धन कमाने की मशीन बना देती है और वह मानवीय मूल्यों से रहित रह जाता है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर पद से सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी पीके भारद्वाज इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रहे। उन्होंने अपने अनुभवों और अनेक व्यावहारिक उदाहरणों की सहायता से आज के युग में आंकड़ों की उपयोगिता के बारे में समझाया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. मीरा बाम्बा ने मेहमानों, प्रतिभागियों और आयोजन टीम के सदस्यों का धन्यवाद किया।

 फैकल्टी कार्यक्रम में 450 शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन
यूनिवर्सिटी में 15 जून से एक फैकल्टी विकास कार्यक्रम आरंभ होने जा रहा है। इसमें मूक्स एवं मॉडल्स आधारित विधियों के आधार पर ऑनलाइन शिक्षण विधियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो आज कोविड-19 के खतरे को मद्देनजर रखते हुए आगामी सेमेस्टर में ली जाने वाली कक्षाओं के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो सकते हैं। इस कार्यक्रम के लिए देशभर के लगभग 450 शिक्षक अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यह फैकल्टी विकास कार्यक्रम वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर तेज सिंह नागर की अध्यक्षता में आयोजित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग में कार्यरत डॉ. भारती व सुशांत यादव इस कार्यक्रम के आयोजक सचिव की भूमिका निभाएंगे।


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