रेवाड़ी
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय में शोध कार्य कर रहे छात्रों के लिए 18 मई से शुरू हुई 6 दिवसीय वार्तालाप शाला का आज समापन हो गया, जिसमें विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों ने शोधार्थियों को अनुसंधान से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिए, उनका मार्गदर्शन किया और उनकी समस्याओं का समाधान किया।
इस समापन कार्यक्रम में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रो कमलेश गक्खड़ ने मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। उन्होंने शोध छात्रों को शोध कार्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से बताया। इससे पहले सुबह के सत्र में डॉ बिजेन्द्र ने शोध कार्य में प्लेजिरज्म (साहित्य चोरी) के विषय के बारे में विस्तार से समझाया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसके गक्खड़ ने की। उन्होंने सभी शोधार्थियों एवं शिक्षकों का आवाहन किया कि वे अपने कौशल का विकास करें। ऑनलाइन माध्यमों से विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग करना सीखें।
उन्होंने कहा कि शोध कार्य ऐसा होना चाहिए, जिसका प्रयोग समाज की भलाई के लिए किया जा सके। सिर्फ डिग्री लेने के लिए किए गए शोध का कोई मूल्य नहीं होता।
उन्होंने सभी शोधार्थियों से अलग-अलग बात भी की और उन सभी को कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित किया| इसके अतिरिक्त भविष्य में भी छात्रों के लिए इस प्रकार का आयोजन कराते रहने के लिए हर संभव सहायता देते रहने का आश्वासन दिया।
अंत में का कार्यक्रम की संयोजक डॉ सविता श्योराण ने कुलपति, सभी वक्ताओं, शिक्षकों एवं शोधार्थियों का धन्यवाद किया।
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