बीते 30 साल से सभी शोर मचा रहे थे, मोदी ने दे दिया तो क्या परेशानी

शहरी व्यक्ति को शुद्ध अनाज और किसान को वाजिब दाम की जरूरत

किसान और शहर के बीच के बीच बनी दूरी को पाटने का करेंगे काम
                        शिवचरण ( शिवा )

जब भी चुनाव आते हैं , वोट लेने वाले गांवों में छाती ठोक कर कहते हैं मैं किसान का बेटा हूं । किसानों के लिए मेरे दरवाजे 24 घंटे खुले रहेंगे, किसानों के हितों के साथ जो कोई भी खिलवाड़ करेगा मैं कुर्सी को छोड़कर किसानों के बीच आ जाऊंगा।  यह दावे और वादे बीते 30 साल से हम सुनते चले आ रहे हैं। किसान नेता चाहे बाबा टिकैट रहे हो , घासीराम नैन या कोई अन्य किसान नेता या फिर किसानों के संगठन । बीते 30 वर्ष से यही कहते चले आ रहे थे कि किसानों को उनके अधिकार और उपज का वाजिब दाम मिलना चाहिए। किसान अपनी फसल के दाम स्वयं तय कर सके । जब एक ही बात और एक ही इच्छा सभी किसान संगठनों और सत्ता में रहे नेताओं सहित विभिन्न पार्टियों की सरकार की रही तो फिर किसानों का यह अधिकार क्यों नहीं दिया गया । केंद्र में भाजपा सरकार-दो के मुखिया पीएम नरेंद्र मोदी ने किसानों को उनकी मांग के मुताबिक अधिकार दे दिए, तो फिर सभी विपक्षी पार्टियों को क्या दिक्कत आ गई । यह बात पीएम नरेंद्र मोदी के 71 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर सेवा ही समर्पण अभियान के तहत 20 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान गांव नाथूपुर में सरपंच एवं किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य साहब राम लीलू के द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मंच से भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण ने कहीं ।
यहां आगमन पर सरपंच साहब राम लीलू के द्वारा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर का पगड़ी बांधकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर गांव तथा आसपास की सरदारी की तरफ से अभिनंदन किया गया। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी की अध्यक्ष गार्गी कक्कड़ , जिला महामंत्री मनीष गाडोली , प्रदेश उपाध्यक्ष अतर सिंह संधू , युवा मोर्चा कार्यकारिणी सदस्य इंद्रजीत यादव, बेगराज सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे ।
भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण ने इस मौके पर तमाम विपक्षी पार्टी और उनके नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि पीएम मोदी के द्वारा किसान हित में जो कुछ किया जा रहा है और जो कुछ किसानों को दिया गया। उसे देखते हुए किसान हितैषी होने वाले सभी दावेदारों के मुखोटे उतर गए हैं । अब केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए भोले-भाले किसानों को बरगला कर राजनीतिक रोटियां सेकने का काम ही कर रहे हैं । इस प्रकार के लोगों को किसानों की भलाई और किसानों के हित से कोई सरोकार नहीं रह गया है । उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि मैं एक ऐसी राजनीतिक पार्टी का कार्यकर्ता हूं जिस पार्टी में पहली बात यह सिखाई जाती है कि व्यक्ति से बड़ा कुछ है तो वह पार्टी और पार्टी से कोई बड़ा है तो वह राष्ट्र है । राष्ट्र ही सर्वप्रथम हम सभी के लिए है । हम सभी को अपने राष्ट्र को ही अहमियत देनी चाहिए ।
सुखविंदर सिंह श्योराण ने कहा इस देश में सबसे बड़ा वर्ग और सबसे बड़ी जाति केवल और केवल किसानों की ही है । इस बात को कोई भी राजनीतिक दल और नेता न तो नकार सकता है और न ही नजरअंदाज कर सकता है । उन्होंने कहा आजादी के बाद देश में पहली बार पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने किसान हित में क्रांतिकारी फैसले लेते हुए किसान हित में कृषि कानून बनाकर ऐतिहासिक काम किया है । उन्होंने कहा की मोदी सरकार से पहले इस देश में किसानों को किसान हित के केवल सपने मात्र दिखाए जाते रहे और भोले-भाले किसानों के बीच में जाकर किसान हितैषी होने का मुखौटा पहनकर अपना अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा किया जाता रहा। पीएम मोदी के द्वारा कृषि और किसान के हित में विभिन्न योजनाएं लागू की जा चुकी है । किसान को जहां भी उसकी उपज का अधिक से अधिक मूल्य मिले वहीं पर अपनी उपज बेचने के लिए स्वतंत्र है । उन्होंने कहा आज के समय में जो एक परेशानी तथा समस्या देखी जा रही है , वह समस्या यह है कि शहर और देहात के बीच में शहरी लोगों और किसानों के बीच में एक दूरी जैसी बनी हुई है ।

भारतीय जनता पार्टी की सरकार का यही प्रयास है कि येन केन प्रकारेण शहर और किसान के बीच की इस दूरी को किसी भी प्रकार से समाप्त किया जाए । शहर में रहने वाले लोगों को शुद्ध अनाज ,साग सब्जी व अन्य भोज्य सामग्री की जरूरत है । वही किसान को उसकी उपज का वाजिब दाम की दरकार है। किसान चाहता है कि उसको उसकी उपज की गुणवत्ता के मुताबिक दाम मिले और शहरी यह चाहता है कि वह जो कुछ भी भोजन में खाएं खाने के बाद पूरी तरह स्वस्थ रहें । उन्होंने कहा भारतीय जनता पार्टी की सरकार में पहली बार ऐसा हुआ है कि धान और बाजरा उत्पादक किसान को एक बराबर लाकर खड़ा किया गया है । अक्सर किसान यही शिकायत करते थे की बाजरे का दाम धान के बराबर नहीं मिलता , अब जब से सरकार के द्वारा एमएसपी पर खरीद लागू की गई है उसके बाद से किसान को धान के बराबर ही बाजरे का भी भाव मिल रहा है।

इसी मौके पर भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण ने कहा कि 1952 से लगातार राजनीति में सक्रिय हैं । अनेक लोग राजनीति में आकर एमएलए बने, मंत्री बने और उसके बादफुल स्टाप लग गया । बहुत कम और सीमित परिवार ही ऐसे हैं जिनकी तीन तीन पीढ़ियां लगातार राजनीति में रहते हुए किसान कमरे गरीब मजदूर वर्ग की सेवा कर रही है, मैं भी एक साधारण परिवार का ही भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं । यह बात अलग है कि मेरे अभी तक के किए गए काम को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने भरोसा करके हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मेरे को सौंपी है । गगनचुंबी इमारतों वाले शहर गुरुग्राम में आने से पहले साथियों ने बताया था कि यहां तो 60 गज जमीन का भी किराया 5लाख तक मिलता है मैं । देहात का रहने वाला हूं और शहरी चकाचौंध से बहुत दूर रहा हूं । इसी वर्ष 4 मई को हरियाणा भाजपा किसान मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष का पद सौंपा गया और यह मेरा सौभाग्य है कि मैं किसानों के बीच में जाकर किसानों की बातों और परेशानियों को सुनकर पार्टी संगठन और सरकार के सामने रखकर किसानों के हक हकूक के लिए किसानों की पैरवी कर सकूं ।

राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है इस क्षेत्र में 24 घंटे आप कहीं भी जाएं , प्रत्येक व्यक्ति की समर्थक हो या विरोधी पार्टी का आपके ऊपर ही नजर रहती है । उन्होंने पुनः दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी की नीति और नियत देहात के किसान और शहर में रहने वाले शहरी के बीच बनी दूरी को कम से कम करना है। जिससे कि शहर में स्वस्थ रहने के लिए शुद्ध अनाज अथवा भोजन तथा किसान को उसकी उपज का उचित दाम मिलता रहे । इस मौके पर सुखविंदर श्योराण ने नाथूपुर गांव के सरपंच और किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य साहिब राम लीलू सरपंच तथा इंद्र यादव का इस प्रकार के किसान हितैषी कार्यक्रम आयोजन के लिए आभार भी व्यक्त किया।
Previous Post Next Post