यह घटना संडे देर से सायं खवासपुर और बावड़ा के बीच की

बिल्डिंग गिरते ही मचा हड़कंप चारों तरफ फैला धूल का गुबार

मौके पर पहुंचे एमएलए सत्यप्रकाश और डीसीपी क्राइम राजीव देशवाल

रात भर जारी रहा बचाव कार्य दो को मलबे में से जिंदा निकाला गया

शिवचरण ( शिवा )
गुरूग्राम/पटौदी। 
मलबे में दबे लोगों की जान बचाने के लिए चीखें सुनाई दे रही थी और जो निकाल लिए गए वह सौभाग्यशाली रहे । संडे देर रात तक बिल्डिंग के मलबे में से दबे लोगों को बचाने का कार्य एनडीआरएफ ,दमकल विभाग, सिविल डिफेंस, पुलिस विभाग सहित अन्य सरकारी अमले के द्वारा जारी रहा।
संडे को सुबह की गर्मी और उमस के बाद देर शाम अचानक बरसात होने लगी, इसी दौरान गुरुग्राम और पटौदी के बीच खवासपुर-बावड़ा के पास तीन मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई। जैसे ही यह बिल्डिंग गिरी , आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया और दूर तक धूल का गुब्बार फैलता चला गया । बताया जा रहा है कि यह बिल्डिंग गुरुग्राम नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन की है । यहां पर कथित रूप से लेंटर डालने का काम चल रहा था और बराबर में ही सेप्टिक टैंक भी बना हुआ बताया गया। कथित रूप से बरसात के मौसम में यह बिल्डिंग लेंटर का बोझ नहीं झेल सकी और ताश के पत्तों की तरह धड़ाम जमीन पर गिरकर मलबे में तब्दील हो गई । बताया गया है कि यहां पर कार्गो डीलक्स नाम से कंपनी का संचालन हो रहा था । तत्काल यह जानकारी नहीं मिल सकी कि हादसे के समय कुल कितने श्रमिक अथवा काम करने वाले लोग मौजूद थे । लोगों की चर्चा के मुताबिक घटना के समय 15 से 20 लोग मौजूद बताए गए । वही कंपनी के गार्ड मनीष की माने तो जिस समय बिल्डिंग गिरी वह अपने गार्ड रूम में था और उसके मुताबिक नाइट शिफ्ट में काम करने वाले करीब आधा दर्जन ही लोग मौजूद थे।
जैसे ही इस बिल्डिंग के गिरने की जानकारी मिली, जिला प्रशासन में भी खलबली मच गई । सूचना मिलते ही दमकल विभाग ,एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड के साथ-साथ जेसीबी मलबे को हटाने में लगी हुई थी। वही घायल अथवा जख्मी बचाए गए लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने सहित आपात स्थिति में अस्पताल ले जाने के लिए आठ एंबुलेंस भी घटनास्थल पर मौजूद रही। हादसे की सूचना मिलते ही डी सी डा. यश  के द्वारा तमाम संबंधित अधिकारियों को बचाव कार्य के साथ-साथ बिल्डिंग के मलबे में दबे लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए गए । सुचना मिलते ही मौके पर पटौदी के एसडीएम प्रदीप कुमार, पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता , डीसीपी क्राईम राजीव देशवाल व अन्य अधिकारियों के द्वारा भी बचाव कार्यों का निरीक्षण करते हुए इस काम में लगे सभी लोगों का उत्साहवर्धन किया गया । करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद दमकल विभाग की टीम के द्वारा मलबे में दबे दो श्रमिकों को निकालने में कामयाबी मिल गई ।
वही मीडिया को बिल्डिंग के नजदीक से कवरेज करने से रोकने सहित दूर करने के मुद्दे को लेकर मामूली सी गर्मा गर्मी भी हो गई । मौके पर पहुंचे पटौदी के एमएलए एडवोकेट सत्य प्रकाश जरावता ने कहा बचाव कार्य में लगे विभिन्न दलों की पहली प्राथमिकता यही है कि जहां जहां से भी मलबे में दबे लोगों के द्वारा अपने बचाव के लिए आवाजें आ रही है , सबसे पहले उनका जीवन बचाना जरूरी है । इसके बाद मलबा हटने और राहत कार्य पूरा होने पर ही हादसे के वक्त मौजूद लोगों के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी । इसी बीच मौके पर ही पहुंचे एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के द्वारा भी कहा गया कि फिलहाल बचाव कार्य सहित दलों की पहली प्राथमिकता मलबे में दबे लोगों की संख्या का पता लगाने के साथ-साथ उनकी जिंदगी बचाना है । हादसे में कितने लोगों की जान गई ? यह बचाव कार्य पूरा होने के बाद ही पता लग सकेगा । मलबे में दबे जख्मी सुरक्षित बचाए गए श्रमिकों का मौके पर ही मौजूद एंबुलेंस में प्राथमिक उपचार करते हुए अस्पताल के लिए रवाना कर दिया गया।  देर रात समाचार लिखे जाने तक बचाव कार्य में जुटे सभी जीवटधारी जीवन रक्षकों सहित शासन प्रशासन के लिए राहत की बात यह रही कि बरसात होना बंद हो चुकी थी। जिससे कि बचाव और राहत कार्य बिना किसी बाधा के जारी रहा। यह तीन मंजिला बिल्डिंग भरभरा कर गिरने के मामले में कई प्रकार के सवाल भी शासन प्रशासन से जवाब तलबी की उम्मीद रखे हुए हैं कि तीन मंजिला यह बिल्डिंग क्या शासन प्रशासन के द्वारा तय किए गए नियम और मापदंड के अनुरूप बनाई जा रही थी।  या फिर तमाम सरकारी नियमों को खूंटी पर टांग दिया गया था।
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