50 घरों में से 40 घरों के लोगों को जगमग योजना से जोड़ा

लोग चक्कर काट रहे और नेताओं से भी गुहार लगा रहे

अब तीन से पांच घण्टे भी बिजली नहीं मिल पा रही

फतह सिंह उजाला
पटौदी । 
 बिजली विभाग द्वारा करीब 5 साल पहले ग्रामीण उपभोक्ताओँ चैबीस घण्टे बिजली आपूर्ति के मकसद से जगमग योजना की शुरूआत की थी,जिसमें काफी गांवों को योजना से जोड़ा गया। किन्तु इलाके में जगमग योजना से वंचित रहे लोगों को वर्तमान सरकार में दो-तीन घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है।

बिजली सुचारू रूप से मिले इसके लिए भी विभाग के लगातार चक्कर काट रहे और नेताओं से भी गुहार लगा रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है। इसी तरह का एक मामला खंड के गांव शेखुपुर माजरी की अहिरान ढाणी का है। जिसमें 50 घरों की आबादी में से 40 घरों के लोगों को जगमग योजना से जोड़ा गया है उनको  24 घंटे बिजली मिल रही है। किंतु ढाणी में 10 परिवार ऐसे है जिनको जगमग योजना से वंचित रखा गया और उनको योजना का लाभ नहीं दिया गया ,उन्हें अब 3 से 5 घण्टे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। बिजली नहीं आने के कारण बच्चों की पढ़ाई चैपट हो रही है। भीषण गर्मी मे बच्चे,बूढे,महिलाएं और बिमारलोगों का जीना दूभर हो रहा है । पूरी पूरी रात मच्छर काटते है तो चैन की नींद ले पाना मुश्किल हो रहा है , बिजली से चलने वाले उपकरण शोपीस बनकर रह गए हैं। पानी की किल्लत बढ़ गई है, बीमारी फैलने का खतरा बढ़ रहा है, बिजली नहीं मिलने के कारण ढाणी वासियों को पानी की किल्लत होने के कारण दूर दराज से मटके में पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। यही नहीं वैसे तो सरकार पशुपालन के लिए बढ़ावा दे रही है लेकिन बिजली नहीं आने के कारण पशुओं को पानी पिलाने के भी लाले पड़ रहे हैं। ऐसे में पशु पालकों के पशुओं की पानी के अभाव में चिंता बढ़ गई है। ग्रामीणों का कहना है कि यही हाल रहा तो वे पलायन को मजबूर हो जाएंगे या सामूहिक रूप से बिल नहीं भरने को मजबूर हो जाएंगे।

सुनीता, रेखा, नरेश यादव, पूनम, पलक, ललित,  पूर्व सरपंच सुरेश, जगराम, भुरू, संदीप, कुलदीप, राकेश आदि ने बताया कि उक्त समस्या को लेकर वे सत्ताधारी पार्टी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता से भी मिले हैं और उन्होंने समस्या का निदान का भरोसा दिलाया है। किंतु विधायक की सिफारिश को भी स्थानीय बिजली विभाग के अधिकारी  हवा में उड़ा रहे हैं और समस्या के समाधान के बजाय उन्हें उल्टी-सीधी बातें कहकर बरगलाने लगे हैं। आरोप है कि विभाग का एक जेई काम के एवज में खर्चे की मांग कर रहा है मना करने पर बार बार चक्कर कटवा रहा है और उच्च अधिकारियों एवं सत्ताधारी नेताओं की सिफारिश को भी अनसुनी कर रहा है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि जेई ने कई जगह पर तार व पोल लगवा कर जगमग योजना से ट्यूबल कनेक्शन भी दे रखे हैं। जो कि नियम के अनुसार गलत है उनका कहना है कि रात को जब फोन करते हैं तो झूठा आश्वासन देते हैं कई बार तो फोन भी नहीं उठाते और ना ही मौके पर आते हैं।इसी प्रकार गांव जुडौला में भी दर्जनों परिवार ऐसे है जिनके साथ विजली विभाग द्वारा किया गया सौतेला व्यवहार ३स भीषण गर्मी में नासूर बनकर रह गया है ।

गांव को पूरी बिजली जगमग योजना के तहत मिल रही है ,योजना से वंचित रहे दर्जनो परिवार बिजली के अभाव का दंश झेल रहे हैं।गांव के सुभाष सरपंच का कहना है कि विभाग की भेदभाव पूर्ण नीति के कारण अधिकांश ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।बिजली के अभाव में गांव वाले सो नहीं पाती ,पानी की किल्लतहो २ही है ।बच्चों की ऑन लाइन पढ़ाई चैपट हो रही है विभाग यह कहकर पल्ला  झाड़ रहा है कि अब योजना बंद हो गई है ।गांव बिरहेडा निवासी औमप्रकाश कहते है कि विभाग नेचार से पांच एकड़ दूर तक डोरी पहुंचाकर कनैक्शन देकर जगमग योजना लाईन से जोड़ रखा है किन्तु उसने अपने खर्चे से पोल गडवाए ,सर्विस खरीद कर लाए फिर भी संबंधित जेई ने जगमग योजना लाईन से कनैक्शन देने से मना कर दिया ।सिवाडी के हीरालाल कहते है कि उनके गांव मेंबिजली वोल्टेज ना के बराबर आती है,रात को बिल्कुल नही आती है।

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