ज्योति जांगड़ा, हिसार 

पहले लॉकडाउन फिर बारिश और बाढ़ के चलते देशभर में सब्जियाँ के दाम आसमान छूने लगी हैं। देशभर की सब्जी मार्केट में इस समय सभी सब्जियाँ 3 गुना ज्यादा महंगी मिल रही है। सब्जियाँ महंगी होने की वजह से लोगों की रसोई का जायजा बिगड़ गया है। हालांकि मंडी की बात की जाए तो यहां सब्जी की कीमतों में इजाफा नहीं देखा गया है। मानसून के समय हर साल सब्जियों की कीमतों में इजाफा होता है। क्योंकि यह कृषि के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इसमें पुरानी फसलों की कटाई के बाद नई फसलें तैयार होती हैं। ऐसे में 20-25 दिन थोड़ा संकट वाला होता है बारिश के बावजूद सब्जियों की सप्लाई में कहीं कोई कमी नहीं है। कीमते पहले की तरह ही है हालांकि लॉकडाउन से पहले की कीमतों की बात करें तो एकाध सब्जी की कीमतों में 10 से ₹12 का अंतर आया है। वही आलू की कीमत पहले ₹15 थी परंतु अब ₹30 प्रति किलो के हिसाब से आलू बिक रहे हैं साथ ही ₹25 का टमाटर 70 से 80 रुपए में मिल रहा है।

मंडी की दुकान में आते-आते महंगी हो जाती है
सब्जी मंडी में सब्जी सस्ती होने के बावजूद खुदरा व्यापारियों को महंगे रेट पर बेचनी पड़ती है। इसके पीछे कई वजह हैं। पहला तो इस समय उन्हें मंडी तक आने-जाने में कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। उसके बाद सफाई का ख़ास ख्याल रखना पड़ता है। घर में होने की वजह से सब्जियों की डिमांड बढ़ी है। एक व्यापारी ने बताया कि इस समय रिटेल में सब्जी की कीमत आसमान छू रही है। बारिश और कई जिलों में बाढ़ समस्या होने की वजह से हरी सब्जियों के दाम में इजाफा हुआ हैं। हालांकि सप्लाई में कहीं कोई दिक्कत नहीं है। टमाटर का उत्पादन सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, और बिहार जैसे राज्य में होता है। यहां कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं ऊपर से भारी बारिश के चलते भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई हैं। हालांकि 20 से 25 दिनों में कीमत पहले की तरह सामान्य हो जाएगी। 

Previous Post Next Post